किसान विरोधी भाजपा “किसान सम्मेलन” किस मुंह से करा रहीः अखिलेश
लखनऊ: अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर सूबे की सियासत का पारा चढ़ा हुआ है. इस वक्त यूपी की सत्ता पर काबिज भाजपा सरकार किसानों को अपने पाले में लाने के अभियान में जुट हुई है, तो सपा, कांग्रेस और बसपा समेत अन्य राजनीतिक दल भी अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के किसान सम्मेलन पर तंज कसते हुए कहा कि किसान अब भाजपा के बहकावे-फुसलावे में नहीं आने वाले हैं. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सुना है बातों की खेती करने वाली भाजपा यूपी में ‘किसान सम्मेलन’ करेगी. अन्नदाता का मतदाता बनने का समय जब निकट आया, तब जाकर भाजपा को किसानों की याद आयी. किसान भाजपाईयों के बहकावे-फुसलावे में नहीं आने वाले हैं. 2022 में किसान एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे.
किसानों को यूं मानने में जुटी भाजपा
दरअसल पिछले काफी वक्त से किसान अपनी मांगों को लेकर बीजेपी के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. किसानों की नाराजगी को लेकर के विपक्ष भी सरकार पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, इसलिए चुनावों से पहले किसान संपर्क यात्रा, संवाद बनाने की कोशिश और संबंध सुधारने की तरफ ज्यादा ध्यान देने की कवायद शुरू की है, ताकि यूपी की सत्ता फिर हासिल करने में कोई दिक्कत न हो. अब किसानों को समझाने के लिये बीजेपी की तरफ से 16 से 23 अगस्त तक पूरे प्रदेश में सम्पर्क अभियान चलाया जायेगा. प्रदेश के किसान मोर्चे के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और संगठन से जुड़े लोगों को प्रदेश के सभी किसान बाहुल्य इलाकों में जाकर सरकार की मंशा और नीतियों के बारे में विस्तार से बताएंगे. इस दौरान किसानों के गन्ना मूल्य, उपकरणों पर सब्सिडी, दवाइयों और खाद पर कालाबाजारी, जरूरी सरकारी सुविधाओं की समय पर मदद करने जैसे बहुत से कार्यों के बारे में बताया जाएगा. इसके अलावा बीजेपी आने वाले दिनों में किसानों की एक बड़ी बैठक करने वाली है. इसके बाद सितम्बर के पहले सप्ताह में मेरठ में किसानों का बड़ा सम्मेलन प्रस्तावित है.