उत्तराखंड विस सत्र: सत्ता पक्ष को घेरने की कांग्रेस ने बनाई मजबूत रणनीति

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। इसके तहत सदन में बेरोजगारी, महंगाई, कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं में खामियां, देवस्थानम बोर्ड, किसान, भू-कानून जैसे मुद्दों को उठाकर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश करेगी। इसके साथ कांग्रेस कोरोना सहित तमाम मुद्दों को लेकर नियम-58 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग करेगी। रविवार को किशन नगर चौक के पास स्थित एक होटल में आयोजित कांग्रेस विधान मंडल दल की बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधायकों को तीखे तेवरों के साथ आम जन से मुद्दों को सदन में उठाने पर जोर दिया। कहा कि राज्य बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति, कर्मचारी, किसान और महिला तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिनको लेकर प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति त्रस्त है। भाजपा सरकार हर क्षेत्र में नाकाम साबित हुई है। उसे तमाम खामियों पर जवाब देना होगा। इसके अलावा रोजगार, स्वरोजगार और स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के साथ ही धीमे पड़े विकास कार्यों को रफ्तार के मुद्दे को भी सदन में उठाया जाएगा। बैठक में हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के मुद्दे को लेेकर विशेष तौर पर चर्चा की गई। तय है कि विपक्ष सदन में इस मुद्दे को जोरजोश से उठाएगा। दरअसल हरिद्वार महाकुंभ के दौरान संक्रमण रोकने के लिए कराई गई कोरोना जांच में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा पाया गया है। जिसकी अभी जांच चल रही है। कांग्रेस शुरू से इस मामले को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा करती रही है। अब उसे मुद्दा सदन में उठाने का मौका मिला है।

नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित विधानमंडल दल की बैठक में कांग्रेस के दस में से छह ही विधायक शामिल हुए। जिनमें उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, विधायक ममता राकेश, राजकुमार, आदेश चौहान शामिल हुए। जबकि विधायक काजी निजामुद्दीन, फुरकान अहमद, मनोज रावत, गोविंद सिंह कुंजवाल और हरीश धामी बैठक में अनुपस्थित रहे। इसके अलावा चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष व पूर्व सीएम हरीश रावत भी कुछ देर के लिए उपस्थित हुए। इसके अलावा चारों कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. जीत राम, तिलक राज बेहड़, रंजीत रावत और भुवन कापड़ी भी बैठक में मौजूद रहे।

 

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