बड़ी खबरः तालिबान के हवाले अफगानिस्तान को सौंपकर लौटी US सेना

आमतौर में 20 साल में बहुत कुछ बदल जाता है. बच्चा इतने वक्त में वयस्क हो जाता है. लोग तरक्की कर लेते हैं. मगर अफगानिस्तान 20 सालों में 20 साल पीछे चला गया है. सोमवार रात को अमेरिकी सैनिकों की पूरी वापसी के साथ ही अफगानिस्तान के पुराने दिन भी पूरी तरह वापस आ गए हैं. वापस आ गया है खौफ, अनिश्चितता, मौत का डर, महिलाओं और बच्चियों की असुरक्षा का डर… क्योंकि सोमवार से तालिबान का शासन पूरी तरह लौट आया है. 20 साल में अफगानी लोगों को जो आजादी मिली और बिना खौफ के जीने का जो जज्बा मिला, उसका भी अंत हो गया है.बीती रात अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भर ली. इसके साथ ही अफगानिस्तान के लाखों लोगों की जिंदगी तालिबान के हवाले हो गई. तालिबान रात से ही अमेरिकी सेना की वापसी का जश्न मना रहा है. तालिबानी लड़ाकों ने काबुल एयरपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया और वहां हवाई फायरिंग की. तालिबानियों ने इतनी आतिशबाजी की कि रात में काबुल के आसमान में रोशनी छा गई.

अमेरिका ने करीब 1.20 लाख लोगों को अफगानिस्तान से निकालकर दूसरे देशों तक पहुंचाया है. लेकिन ऐसे अफगानियों की गिनती भी कम नहीं है, जिन्होंने सेनाओं की 20 साल तक मदद की और अब वे तालिबान के शासन में जीने को मजबूर हैं. कितने लोग अफगानिस्तान नहीं छोड़ पाए, अभी इसकी कोई गिनती नहीं है. 15 अगस्त 2021. ये वह तारीख है जब पूरी दुनिया मौन होकर देखती रह गई और तालिबान ने राजधानी काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. ये हार न सिर्फ अफगानिस्तान, बल्कि अमेरिका की भी मानी जा रही है. क्योंकि अफगानिस्तान में अमेरिका की 20 साल तक तालिबान से जंग होती रही. अरबों डॉलर अमेरिका ने इस जंग में खर्च किए. लेकिन फिर अचानक अमेरिका ने हाथ खड़े कर दिए और तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया. इसी वजह से अब पूरी दुनिया अमेरिका पर उंगलियां उठा रही है.

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