करनाल में किसानों और प्रशासन की वार्ता फिर हुई विफल

करनाल। हरियाणा के करनाल में मिनी सचिवालय में किसानों का धरना जारी है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कथित लाठीचार्ज का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसी बीच किसान और प्रशासन के बीच में एक बार फिर से बैठक हुई। इस बैठक के बारे में किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी। योगेंद्र यादव ने कहा कि हमें बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारी दूसरी दिन की बातचीत भी पूरी तरह से असफल रही है। क्योंकि सरकार की तरफ से जो अड़ियल रवैया था, जो असंवेदनशीलता थी उसमें जरा सा भी परिवर्तन नहीं आया। यादव ने कहा कि बार-बार बात हुई। पहले डीसी और एसपी थे और बाद में कमिश्नर को भी बुलाया गया। हर आधे घंटे में यह लोग चंडीगढ़ में बात करते हैं। लेकिन बात वहीं की वहीं रहती है। यादव ने कहा कि किसानों की मांग थी कि आईएएस अफसर आयुष सिन्हा पर 307 और 302 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। लेकिन सरकार उन पर कोई भी मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार नहीं है। जबकि सरकार खुद कहती है कि लाठीचार्ज होना और आयुष सिन्हा का बोलना दो अलग-अलग जगह की घटना है और उन्हें लिखित शिकायत मिल चुकी है और वीडियो साक्ष्य मिल चुके हैं, इसके बावजूद कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों की दूसरी मांग थी कि जिस अफसर ने इस तरह का गैरकानून आदेश दिया गया है उन्हें बर्खास्त किया जाए लेकिन सरकार उन्हें सस्पेंड करने के लिए भी तैयार नहीं है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज 3 घंटे तक बैठक चली। जबकि बीते दिनों 2 घंटे तक बैठक हुई लेकिन अधिकारी पूर्णरूप से उस अधिकारी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उसके खिलाफ मुकदमा लिखने और सस्पेंड करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए यहां पर धरना जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली का धरना डिस्टर्ब न हो इसलिए बाकि के जगहों से किसानों को बुलाया जाएगा और यहां पर भी एक धरना दिया जाएगा। हमारी मांग है कि उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो।

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