सियासत: भाकियू के गढ़ में किसान आंदोलन पर चुप्पी साध गए सीएम योगी

भाकियू के मजबूत गढ़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना मूल्य बढ़ाने की घोषणा कर किसानों की नब्ज पर हाथ रख गए। कहा कि गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए कमेटी बना दी है। गन्ना मूल्य बढ़ता है तो इससे बिजनौर के ही साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों को फायदा होगा। किसानों को कई करोड़ मूल्य का अधिक भुगतान मिलेगा। साथ ही भुगतान में भी इस बार तेजी रहेगी। हालांकि योगी आदित्यनाथ कृषि कानूनों, भाकियू, किसान आंदोलन और रालोद पर एक शब्द भी नहीं बोले।

बिजनौर को भाकियू का मजबूत गढ़ माना जाता है। जिले के किसान काफी संख्या में किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। माना जा रहा था कि किसान आंदोलन को लेकर वे कुछ कहेंगे, लेकिन वे इससे किनारा कर गए। हालांकि किसानों को उन्होंने साधने का प्रयास किया। कहा कि चीनी मिलें अब भी नुकसान का रोना रो रही हैं। सरकार जानती है कि तीन साल से गन्ना मूल्य में फूटी कौड़ी की भी वृद्धि न होने से किसान नाराज हैं, लेकिन प्रदेश सरकार इस बार गन्ना मूल्य बढ़ाने की तैयारी में है।

गन्ना वेस्ट यूपी के किसानों की प्रमुख फसल है। अकेले बिजनौर में ही साढ़े तीन लाख से अधिक किसान गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं। जिले की खेती की जमीन के 70 प्रतिशत से अधिक रकबे पर ढाई लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर गन्ना बोया जाता है। गन्ना जिले के किसानों की लाइफलाइन है। इस बार गन्ना सीजन की तैयारी पूरी हो चुकी है और मिलें अगले महीने पेराई शुरू कर देंगी। गन्ना मूल्य बढ़ाने से जुड़ी बैठक में जिले के दो किसानों ब्रह्मपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह को लागत जानने और विचार रखने के लिए शामिल भी किया गया था। हालांकि नजीबाबाद चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए संबंध में सीएम ने कोई घोषणा नहीं की।

 

 

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