Big Breaking: दिवाली से पहले ही ‘जहरीली’ हुई हवा, संभलकर रहें!

नई दिल्‍ली : ये वक्‍त दमा एवं श्‍वसन संबंधी बीमारियों से परेशान दिल्‍ली-एनसीआर के निवासियों के स्‍वास्‍थ्‍य लिहाज़ से बेहद खतरनाक है, क्‍योंकि दिवाली से पहले ही राजधानी दिल्‍ली और आसपास के इलाकों की हवा बेहद प्रदूषित हो गई है. फ‍िलहाल समूचे दिल्‍ली एनसीआर में हवा की गुणवत्‍ता का स्‍तर ‘बेहद खराब’ स्‍तर पर है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर इंडिया का अनुमान है कि दीपावली  की रात तक एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है. लिहाजा़ लोगों को जरूरत होने पर ही बाहर निकलने और अस्थमेटिक लोगों को अपनी रिलीफ मेडिसिन साथ में रखने की सलाह दी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि मनाही के बावजूद पराली जाए जाने और लोगों द्वारा की जा रही आतिशबाजी के चलते ये हालात उपजे हैं.

वायु गुणवत्ता, मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली के रियल टाइम डाटा के अनुसार, दिल्‍ली में इस वक्‍त PM10 की स्थिति 252, तो PM2.5 का लेवल 131 बना हुआ है. इस तरह यह ‘बेहद खराब’ स्थिति में है. एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान में कल दिल्‍ली में वायु गुणवत्‍ता और ज्‍यादा खराब होने का अनुमान जताया है. उसका कहना है कि गुरुवार को दिल्‍ली के ज्‍यादातर इलाकों में वायु गुणवत्‍ता ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ रहेगी और पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्‍तर मौजूदा स्थिति से भी बेहद पार चला जाएगा.

सफर इंडिया के मुताबिक, बीते 24 घंटे से ज्‍यादा वक्‍त में पड़ोसी राज्यों में 1795 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. इसी की वजह से पीएम 2.5 तत्व की मात्रा हवा में घुली है और प्रदूषण में इसकी 6 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई है. एजेंसी का कहना है कि इस वक्‍त हवा का स्तर दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी दिशा की ओर है. लिहाज़ा, इस समय अधिक पराली जलने के बाद भी दिल्ली में पराली का धुआं कम पहुंच रह है. उसका अनुमान है कि दिपावली की रात से पराली का धुआं बढ़ना शुरू हो जाएगा और 6 नवंबर तक इसका प्रभाव देखने को मिलेगा. इन दो दिनों के अंदर पराले के धुएं की हिस्सेदारी 20 से 30 फीसदी तक दर्ज की जा सकती है. इससे हवा में पीएम 2.5 व पीएम 10 के स्तर में भी इजाफा होगा और यह बहुत खराब से लेकर गंभीर श्रेणी तक दर्ज हो सकता है.

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