उत्तराखंड सत्ता संग्राम 2022: सिर्फ धुआं निकाल रहा भाजपा का डबल इंजन – हरीश रावत
कांग्रेस ने गंगोलीहाट में सैनिक सम्मान समारोह का आयोजन किया। इसमें पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। इस दौरान पूर्व सीएम और कांग्रेस के चुनाव समिति के चेयरमैन हरीश रावत हरदा ने भाजपा पर जमकर प्रहार किए। उन्होंने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार केवल धुआं निकालने का काम कर रही है। व्यालपाटा मैदान में गुरुवार को आयोजित सैनिक सम्मान समारोह में पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उनके शासनकाल में जितनी भी योजनाएं चलाईं गईं थीं, भाजपा की डबल इंजन सरकार ने उन्हें बंद कर दिया। डबल इंजन सरकार महंगाई को बढ़ाने, युवाओं को बेरोजगार करने और गांव से पलायन करवाने में सफल रही है। उनके समय में राज्य में 18 प्रकार की पेंशन योजनाएं लागू थीं, जिनमें से दर्जन भर योजनाएं महिलाओं के लिए थीं लेकिन भाजपा सरकार ने उनमें से अधिकतर पेंशन योजनाएं बंद कर दीं हैं। गौरा देवी योजना के तहत सरकार ने राशि घटा दी है।
रावत ने कहा कि अपने तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने 32000 युवाओं को सरकारी नौकरियां दीं। प्रदेश की लड़कियां पुलिस में एसआई और कांस्टेबल बनीं। उनके शासनकाल में पिथौरागढ़ जिले में कई उप तहसीलें खुलीं, इंटर कॉलेज, हाईस्कूल, पॉलीटेक्निक कॉलेज, आईटीआई, इंजीनियरिंग कॉलेज खुले, भाजपा सरकार ने उनमें से अनेक बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये सारी योजनाएं उनकी सरकार बनते ही फिर से चलाईं जाएंगी। कार्यक्रम का संचालन कांग्रेस नेता जगत सिंह खाती ने किया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अगले साल कांग्रेस की सरकार बनते ही आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता और भोजन माताओं का मानदेय दोगुना किया जाएगा। हरीश रावत ने कहा कि जिस समय वह मुख्यमंत्री बने, प्रदेश आपदा से पीड़ित था। उन्होंने एक ओर केदारनाथ की आपदा के घाव भरे और दूसरी ओर प्रदेश की जनता को पेंशन, रोजगार, सड़क शिक्षा जैसी सुविधाएं दीं।
उन्होंने कहा कि एपीएल और बीपीएल का भेद मिटाने के लिए एपीएल को चार किलो और बीपीएल को नौ किलो चावल देने की योजना लागू की थी, उसे भाजपा की डबल इंजन सरकार ने बंद किया। अपने कार्यकाल में उन्होंने उत्तराखंड को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम किया। तब राज्य पूरे देश में कर्नाटक के बाद दूसरे नंबर पर था। कार्यक्रम में कांग्रेस जिलाध्यक्ष त्रिलोक महर, पूर्व विधायक मयूख महर, पूर्व विधायक नारायण राम आर्य, ललित फर्स्वाण, हयात सिंह बोरा, हयात सिंह भंडारी, गोविंद भारती, खजान गुड्डू, भीम कुमार आदि रहे।