उत्तराखंड में किन मुद्दों पर वोट डालेंगे युवा?
उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। सभी पार्टियों ने अपने वादों के पिटारे से नए-नए दावे किए हैं और लोगों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर उत्तराखंड के युवा इस बार किधर जाएंगे? युवा इस बार अपने मुद्दे को लेकर तैयार खड़े हैं। कुल मिलाकर देखें तो उत्तराखंड पहाड़ी बहुल राज्य है। यहां मूलभूत सुविधाओं का काफी अभाव है। युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। यही कारण है कि पहाड़ों के नौजवान अब लगातार पलायन कर रहे हैं। उत्तराखंड का तराई क्षेत्र और भी पहाड़ी है जहां से युवाओं का पलायन लगातार जारी है। अच्छी शिक्षा के लिए उन्हें अपने गांव से बहुत दूर जाना पड़ता है जिसके लिए सड़के भी नहीं हैं।
पहाड़ों में रहने वाले युवाओं की बस एक ही चाहत है कि शिक्षा व्यवस्था अच्छी हो जाए और उन्हें अपने क्षेत्र में ही रोजगार का एक मौका मिल जाए। युवाओं से यह वादा तो हर पार्टियां चुनाव से पहले करती हैं लेकिन शायद अब तक यह पूरा नहीं हो पाया है। यही कारण है कि पहाड़ों से युवाओं का पलायन अब भी जारी है। युवाओं का कहना है कि अगर यहां पर कोई कंपनी निवेश करें तो कोई अपना गांव छोड़कर पलायन क्यों करेगा? एक और युवा ने कहा कि हम सब बहुत मेहनत करते हैं, संघर्ष करते हैं, आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन हम बेरोजगार हैं क्योंकि हमारे पास मौके नहीं हैं। स्थानीय युवा पढ़ाई करके अपना कारोबार भी करना चाहते हैं ताकि वह दूसरों को नौकरी दे सके। लेकिन इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ता है। कई सारी चुनौतियां आती हैं और कोई मदद के लिए तैयार नहीं होता है। उत्तराखंड के ज्यादातर घरों के युवा फौज में मां भारती की सेवा कर रहे हैं। एक गांव में ऐसे कई घर होते हैं जहां परिवार का एक सदस्य फौज में है। अभी यहां के युवा अर्ध सैनिक बल या फिर भारतीय सेना में जाना चाहते हैं। यही कारण है कि यहां के ज्यादातर युवाओं के लिए रोजगार और सपने पूरा करने का पहला मौका भारतीय सेना या फिर अर्धसैनिक बल में नौकरी ही है। इसके लिए यहां के युवक काफी मेहनत भी करते हैं।