NGT ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहन के इस्तेमाल की दिव्यांग को नहीं दी छूट

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर लगी पाबंदी से छूट देने का अनुरोध करने वाली उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें याचिकाकर्ता की दिव्यांगता को आधार बताया गया था. NGT के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की पीठ ने कहा कि तय हो चुके मामले में इस तरह की याचिकाएं विचार योग्य नहीं है. पीठ ने कहा, “तय हो चुके एक मामले में इस तरह के आवेदन पर हर समय सुनवाई की अनुमति नहीं दी जा सकती. विचार योग्य न होने के कारण आवेदन को खारिज किया जाता है.” पूरी तरह से दिव्यांग ने मांगी थी छूट. एनजीटी सरबजीत सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा थी. याचिका में आवेदक के शत-प्रतिशत दिव्यांग होने के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने वाहन के इस्तेमाल की छूट प्रदान करने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था. एनजीटी ने पूर्व में केंद्र की उस याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश में संशोधन का आग्रह किया गया था. इसने उल्लेख किया था कि डीजल वाहनों से होने वाला उत्सर्जन कैंसर पैदा करने वाली प्रकृति का होता है और एक डीजल वाहन 24 पेट्रोल वाहनों या 40 सीएनजी वाहनों के बराबर प्रदूषण फैलाता है.

जुलाई 2016 लगा था बैन
बता दें कि पिछले साल जुलाई के महीने में एक अहम फैसले में नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल यानी NGT ने दिल्ली में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन के आदेश दिए थे. इस आदेश के तहत एनजीटी ने आरटीओ से पुरानी डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश जारी किया था.

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