नई राजनीति का द्वार: हरीश के बाद हरक सिंह रावत को भी हरिद्वार से संजीवनी की आस

विधानसभा चुनाव में ऐन वक्त पर भाजपा से निकाले गए और लैंसडौन से बहू अनुकृति गुुसाईं को कांग्रेस से जीत न दिला पाने वाले हरक सिंह भी अब हरिद्वार को अपनी राजनीति के लिए मुफीद मान रहे हैं। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी हरीश रावत लालकुआं से असफल हो गए थे, लेकिन अब हरीश रावत के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की निगाहें भी हरिद्वार लोकसभा सीट पर लगी हुई हैं। धर्मनगरी हरिद्वार से राजनीतिक संजीवनी लेकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की भी हरिद्वार से आस लग गई है। विधानसभा चुनाव में बहू की हार के बाद हरक सिंह रावत हरिद्वार को अपनी राजनीति का द्वार बनाने में भी जुट गए हैं।

इसके लिए कांग्रेस के दिग्ग्गजों ने भी कांग्रेस के नेता और संत ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी से आशीर्वाद लेकर हरक के लिए रास्ता तैयार करनेे की शुरुआत कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कई चुनाव में सफलता नहीं मिलने पर वह राजनीति में काफी टूट गए थे, लेकिन इसके बाद वर्ष 2009 में उन्हें पार्टी हाईकमान ने लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था।

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