UP: सीएम योगी का कठोर संदेश- लड़कों से ‘गलती’ हुई तो चलेगा बुलडोजर

नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी प्रकरण के आरोपी कथित भाजपा कार्यकर्ता श्रीकांत त्यागी के अवैध निर्माण पर हथौड़ा चल रहा है। सोसाइटी की एक महिला के साथ अभद्रता करने के आरोपी श्रीकांत त्यागी के घर पर ‘अब’ हो रही कार्रवाई पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि क्या भाजपा को आज तक यह पता नहीं था कि उसके नेता अवैध निर्माण करा रहे हैं। उन्होंने उन ताकतों का पता लगाने की बात भी कही जो आज तक इस तरह के अपराधी लोगों को बचाने का काम कर रही थीं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर इन प्रश्नों के जवाब से भागने का आरोप लगाया। प्रियंका गांधी हाथरस कांड की पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए भी लड़ती हुई दिखाई पड़ी थीं। आज उन्होंने नोएडा प्रकरण को मजबूती से उठाया है।

वहीं, भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकांत त्यागी पर कठोर कार्रवाई कर यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि प्रदेश में गलती करने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता होने पर भी उनके ऊपर भी उसी तरह कार्रवाई की जाएगी जिस तरह किसी अन्य अपराधी पर की जाती है। उनके घरों पर भी उसी तरह बुलडोजर चल सकता है जिस तरह किसी अन्य अपराधी के घरों पर बुलडोजर चलता है। यह कार्रवाई भाजपा की भ्रष्टाचार और अपराध पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को दिखाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, सांसद महेश शर्मा और लखनऊ पुलिस के सक्रिय होने से माना जा रहा है कि श्रीकांत त्यागी की जल्द गिरफ्तारी कर लोगों की नाराजगी को शांत करने की कोशिश की जाएगी।

इस छवि से समझौता नहीं कर सकते योगी
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की अपराधियों पर की गई ठोस कार्रवाई को ही अपना प्रमुख चुनावी हथियार बनाया था। अमित शाह और जेपी नड्डा सहित भाजपा के सभी नेता जनता के बीच यही प्रचारित करते रहे कि यदि प्रदेश में किसी दूसरे दल को सत्ता मिलती है, तो इससे राज्य में दोबारा गुंडाराज आ सकता है। इसके लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में हुई कुछ घटनाओं को भी बार-बार उभारा गया। पार्टी को इस रणनीति का लाभ भी मिला और पार्टी एतिहासिक रूप से दोबारा सत्ता में आने में कामयाब हुई। भाजपा सूत्रों की मानें तो पार्टी अपनी यह विशेषता बनाए रखना चाहती है और श्रीकांत त्यागी पर कठोर कार्रवाई इसी सोच का परिणाम है।

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