मध्य प्रदेशः सीएम शिवराज सिंह चैहान ने आईएएस मीट में अफसरों पर कस तंज, कही ये बात…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि कुछ अफसर वल्लभ भवन (मंत्रालय) में मुंह लटकाकर बैठे रहते हैं। सात बजने का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे काम नहीं हो सकता। ऐसे अफसरों में अहंकार का भाव आ जाता है। इस वजह से विनम्र रहकर और अहंकार दूर रखकर काम करना आना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने प्रशासन अकादमी में आईएएस सर्विस मीट 2023 का उद्घाटन किया। यह मीट 22 जनवरी तक चलेगी। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, व्यक्ति को समाज, देश और प्रदेश के विकास तथा जनकल्याण का अवसर प्रदान करती है। यहां हमें अपने विज़न से विकास और सेवा का अवसर मिलता है। आईएएस अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे पारदर्शी, तकनीकी समझ से परिपूर्ण, सृजनशील दृष्टिकोण से युक्त, कल्पनाशील और नवाचारी हों। यह भी आवश्यक है कि वे सक्रिय, विनम्र, व्यावसायिक रूप से दक्ष, प्रगतिशील, सक्षम और ऊर्जावान रहें। इन सब के साथ यह भी आवश्यक है कि अधिकारी संवेदनशील हों। मुख्यमंत्री ने कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां “मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे, तो सुन, बतलाता हूं मैं सीधी-सी राह तुझे। लिख ऐसी कोई चीज कि दुनिया डोल उठे या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे।” आईएएस सर्विस मीट के तहत खेलकूद और सांस्कृति इवेंट होंगे। इसमें आईएएस अधिकारी और उनके परिजन भाग लेते हैं। कोरोना के चलते वर्ष 2020 से आईएएस सर्विस मीट का आयोजन नहीं हो पाया था। इसके बाद आईपीएस मीट का आयोजन तीन और चार फरवरी को होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप मेरी टीम नहीं, परिवार के सदस्य हैं। हम सब एक मिशन और लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं। हमने कोविड के कठिन काल में जिन चुनौतियों और कठिनाइयों में कार्य किया, वह अकल्पनीय है। कई अधिकारियों ने कोविड प्रभावित होने के बाद भी व्यवस्थाएं संभाली। जन-सहयोग से नवाचार और परिश्रम की पराकाष्ठा के साथ प्रदेश को कोविड क्राइसिस से मुक्त करने का मार्ग प्रशस्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विकास यात्रा अद्भुत रही है। हम बीमारू राज्य थे, पर अब प्रति व्यक्ति आय, जीएसडीपी, राजस्व संकलन, सिंचाई क्षमता के विस्तार, गेहूं उत्पादन और सौर ऊर्जा में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करने वाले राज्य हैं।