harkhand: ताजिकिस्तान में फंसे मजदूर घर लौटेंगे, 35 में से 22 अभी वापस आएंगे, बाकियों की भी वापसी जल्द

दो महीने से अधिक समय से ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य लौटेंगे। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पहले चरण में फंसे 35 मजदूरों में से 22 वापस आएंगे, जबकि बाकी लोग टिकट बुक होने के बाद वापस लौटेंगे। मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए आरोप लगाया था कि एक कंपनी ने उन्हें बिजली की लाइन बिछाने में लगाया था। उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए। उन्हें खाने को भी पर्याप्त भोजन नहीं दिया गया। पैसे तो बिल्कुल भी नहीं दिए गए। राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ के अधिकारी ने बताया कि ताजिकिस्तान में फंसे 35 श्रमिकों में से 22 झारखंड लौट रहे हैं, जबकि शेष टिकट लेकर लौटेंगे। बाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य प्रवासी सेल के एक ट्वीट को रीट्वीट किया, जिसमें कहा गया था कि ताजिकिस्तान में भारतीय दूतावास से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए संपर्क किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि वे पिछले साल 19 दिसंबर को भारत में काम कर रही फर्म के एजेंटों द्वारा अच्छे वेतन का वादा किए जाने के बाद मध्य एशियाई देश के लिए रवाना हुए थे। मजदूर हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह जिलों के रहने वाले हैं। हजारीबाग की उपायुक्त नैन्सी सहाय ने पहले कहा था कि उन्हें फंसे श्रमिकों के परिजनों से शिकायतें मिली हैं कि उन्हें बंधुआ मजदूरों की तरह जीवन जीने के लिए मजबूर किया गया।

सहाय ने कहा था कि शिकायतों के आधार पर मैंने राज्य प्रवासी प्रकोष्ठ को संबंधित अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाने के लिए सूचित किया है। जल्द से जल्द अपने मूल स्थानों पर मजदूरों की रिहाई और सुरक्षित वापसी के रास्ते तलाशे जा रहे हैं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *