धर्म नगरी में गूंजेगा जय जगन्नाथ, मकरध्वज पर बलराम और सुभद्रा के साथ विराजमान होंगे जगत के नाथ

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर धार्मिक नगरी उज्जैन जय जय जगन्नाथ के स्वर से गुंजायमान होने वाली है। जिसकी तैयारियां लगभग पूर्णता की ओर हैं। इस दिन नगर में प्रमुख रूप से दो स्थानों से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलेगी, जिसमें भगवान श्री जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा महारानी को रथ में सवार कर नगर भ्रमण कराया जाएगा। इस रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। 20 जून मंगलवार को नगर में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी। अखिल भारतीय चंद्रवंशी क्षत्रिय खाती समाज के द्वारा यात्रा का यह 115 वर्ष है। प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी यह रथ यात्रा कार्तिक चौक स्थित जगदीश मंदिर से दोपहर तीन बजे शुरू होगी, जो कि ढाबा रोड, कमरी मार्ग, तेलीवाड़ा, नईसड़क, कंठाल चौराहा, सतीगेट, छत्रीचोक, गोपाल मंदिर, गुदरी चौराहा होते हुए पुनः जगदीश मंदिर पर पहुंचेगी। इस यात्रा में उज्जैन ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के 1200 गांव के भक्तजन शामिल होकर जय जगन्नाथ का उद्घोष कर अपने इष्ट देवता के दर्शनों का लाभ लेंगे। यात्रा में भजन मंडलिया, अखाड़े बड़ी संख्या में शामिल रहेंगे। पूरे यात्रा मार्ग में भगवान जगन्नाथ की प्रसादी के रूप में भात का वितरण भी किया जाएगा। जगदीश मंदिर कार्तिक चौक से निकलने वाली इस रथयात्रा के साथ ही नगर में इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा भी निकाली जाने वाली है। जिसके लिए सोमवार रात से ही बुधवारिया में जगन्नाथ जी का मकरध्वज पहुंचेगा, जिसकी रात भर यहां सजावट होगी और मंगलवार सुबह 11:30 बजे भगवान के श्री विग्रहों को रथ पर स्थापना के बाद दोपहर 12:30 बजे महाआरती और दोपहर 1:30 विशेष अतिथियों द्वारा पूजन अर्चन के बाद यात्रा शुरू होगी। यात्रा के आगे-आगे स्वर्णिम झाड़ू से यात्रा मार्ग की सफाई की जाएगी, जिसके बाद हजारों भक्त भगवान के इस रथ को खींचेगे। यह यात्रा बुधवारिया से शुरू होकर कंठाल, नईसड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा माता चौराहा, टावर चौक, तीन बत्ती चौराहा होते हुए इस्कान मंदिर पहुंचेगी। जहां भगवान का विशेष पूजन अर्चन किया जाएगा।

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