UP: अखिलेश को कांग्रेस से सावधान कर भाजपा ने खेला सियासी दांव
सपा और कांग्रेस के रिश्ते आगे कितना मजबूत रहेंगे, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की ओर से उछाले गए दोनों दलों के सियासी रिश्तों के भविष्य के मुद्दे ने सपा के भीतर हलचल जरूर पैदा कर दी है। भाजपा के इस पैंतरे पर सपा व कांग्रेस में बड़े स्तर पर भले ही कोई चर्चा न दिख रही हो, लेकिन अंदरखाने इस दोस्ती के नफा-नुकसान का आकलन लगातार चल रहा है।
लखनऊ विवि में राजनीति शास्त्र के प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस का यूपी में कोई वोटबैंक नहीं बचा है। जाहिर है यहां कांग्रेस जो भी हासिल करेगी, वो भाजपा विरोधी सहयोगी दलों का ही हिस्सा होगा। इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलेगा। बता दें, पिछले साल हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने सपा के दावे को नहीं माना था। तब अखिलेश यादव ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि कांग्रेस और भाजपा में कोई अंतर नहीं है।