उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने की केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात
रिपोर्टः अफज़ल मंगलौरी (सम्पादक कौमी गुलदस्ता – प्रिंट एवं वेब मीडिया)
देहरादून । उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने दिल्ली में केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरण रिजिजू से मिल कर उत्तराखंड में वक़्फ़ सम्पत्तियों की जांच के साथ उनकी सुरक्षा के विषय में विस्तार से जानकारी देकर नए वक़्फ़ संशोधन बिल पेश करने पर बधाई दी।
शादाब शम्स ने केंद्रीय मंत्री रिजिजू से कुमायूं ,गढ़वाल और पिरान कलियर वक़्फ़ जायदादों की पूर्व में किये गए घोटालों की जांच की मांग भी की जिस पर उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जांच का भरोसा दिलाया। शादाब शम्स ने अपने प्रेस बयान में कहा कि केंद्र सरकार का नया वक़्फ़ संशोधन बिल अधिकांश लोगों ने पढ़े बिना ही उस के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया कि यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है जिनमें कुछ माननीय विधायक और सांसद भी है।उन्होंने कहा कि अब ये विधेयक जे पी सी के पास भेज दिया गया है इसलिए जिसमे 22 सांसदों में केवल 6 सांसद भाजपा के है बाकी अन्य दलों के सांसद हैं इसलिए अब खुद पता चल जाएगा कि ये बिल केवल वक़्फ़ जायदादों की सुरक्षा के लिए ही लाया गया है।
शादाब शम्स ने कहा कि मैं केवल 2 साल से ही वक़्फ़ बोर्ड का अध्यक्ष हु और वक़्फ़ बोर्ड गठन को 20 वर्ष हो गए इन गत 20 वर्षों में मनोनीत मुस्लिम विधायकों के कार्यकाल में नैनीताल, मसूरी, और पिरान कलियर वक़्फ़ की जायदादों और ज़मीनों को कब्जाया, बेचा गया व मुस्लिम समाज के लोगों ने ने ही खुर्दबुर्द किया मगर किसी मुस्लिम विधायक ने इन के खिलाफ सदन या कोर्ट में कोई आवाज़ नही उठाई ।वक़्फ़ गठन के बाद उत्तर प्रदेश से जो उत्तराखंड के वक़्फ़ के रिकॉर्ड मंगाए गए उनमें अधिकांश बड़े औक़ाफ़ की फाइलें इन विधायकों और नेताओं की देखरेख में वक़फ़ के एक कम्चारी द्वारा गायब की गई जिसके लिए केवल एक विधायक स्वर्गीय हाजी सरवत करीम अंसारी लड़ते रहे मगर कुछ वक़्फ़ माफ़िया और नेता उस पर पर्दा डालते रहे और आज भी वक़्फ़ सम्पत्ति खुर्दबुर्द करने वाले भृष्ट कर्मचारियों को बचाने में लगे हैं । उन्होंने कहा कि इन मुस्लिम विधायक गणों के दौर में ही ठेकेदारों से मिली भगत करके कलियर की दरगाह इमाम साहब,किलकिली साहब आदि दरगाहों को सम्पूर्ण रूप से ठेकों पर दिया गया जो आज तक जारी है जिससे दरगाह को नुकसान भी हुआ और दरगाह की स्मिता को भी ठेस पहुंची है।यही नही इन गत 20 वर्षो में दरगाह की दुकानों,अनेक ठेकों और जायदादों में भारी गोलमाल किया गया जिसकी जांच भी होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि बड़े दुख का विषय है कि उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड गठन के बाद से अब तक न तो कहीं कोई जायदाद कब्जे मुक्त कराई गई न ही मुस्लिम समाज के लिए कोई मेडिकल कॉलेज , कोई टेक्निकल इदारा ,कोई अस्पताल की स्थापना की गई जिससे कौम का कोई भला हो पाता ।केवल बयान बाज़ी तक सभी नेता गण सीमित रहे । शादाब शम्स ने कहा कि मेरे कार्यकाल में सारी व्यवस्था प्रशासन के माध्यम से की जा रही है और दरगाह की आय व विकास कार्यों में बढ़ोतरी हुई है ।