देश में फिर से बढ़ रहे कोरोना केसेस, स्कूल खुलने से अभिभावकों की बढ़ी चिंता

नई दिल्ली : कोरोना की जंग जीतने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. इस बीच कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने कोविड की तीसरी लहर की चिंता को बढ़ा दिया है. कई राज्यों ने स्कूलों को फिर से खोलने के निर्देश दे दिए हैं ऐसे में बच्चों के लिए माता पिता की चिंताएं बढ़ गई हैं. विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और भारत सरकार के केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुमान के मुताबिक यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकती है.

इसका सबसे प्रमुख कारण कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव है जिसमें सबसे अधिक संख्या में बच्चे संक्रमण से प्रभावित हुए. जुलाई महीने की शुरुआत में बच्चों में कोविड-19 मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूल खुलने से पहले अभीभावकों को बच्चों को टीका लगाने के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है. बच्चों के लिए टीकाकरण का मामला काफी हद तक सरकार ने हल किया है. राष्ट्रीय दवा नियामक प्राधिकरण ने 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए ज़ायडस कैडिला की तीन-खुराक आरएनए वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. एक दूसरा टीका – भारत बायोटेक के कोवैक्सिन – सितंबर तक स्वीकृत होने की उम्मीद है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे) की निदेशक प्रिया अब्राहम ने कहा कि इस साल सितंबर तक 2 से 18 साल की उम्र के बच्चे कोविड -19 के खिलाफ टीका लगवा सकते हैं. इससे पहले एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. रनदीप गुलेरिया ने कहा था कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक, फाइजर और जायडस के टीके जल्द ही उपलब्ध होंगे. “दो साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन का दिल्ली एम्स और पांच अन्य अस्पतालों में परीक्षण चल रहा है और अंतरिम डेटा बहुत सकारात्मक और उत्साहजनक है. आंकड़ों के अंतिम विश्लेषण के बाद यह सितंबर-अक्टूबर में बच्चों के लिए उपलब्ध होगा. फिलहाल अभी बच्चों के लिए जो टीका उपलब्ध है उसमें 12 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी.

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