राजधानी दिल्‍ली वर्ल्‍ड क्‍लास सुविधाओं से होगी लैस, 2041 तक NCR की भी बदलेगी सूरत

नई दिल्‍ली: केंद्रीय शहरी आवास एवं विकास मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड ने हाल में ही अपना मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041 को मंजूरी दी है. इसके तहत देश की राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर को अगले दो दशक में वर्ल्‍ड क्‍लास सुविधाओं  से लैस कर नया रूप दे दिया जाएगा. इसके तहत 2041 तक एनसीआर न सिर्फ झुग्गी-झोपड़ी मुक्त होगा बल्कि एयर एंबुलेंस, हेलिटैक्सी, सड़क, रेल एवं अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से उच्च कनेक्टिविटी से भी जुड़ जाएगा. वैसे अभी इस प्‍लान में कुछ बाधाएं भी हैं, क्योंकि एनसीआर क्षेत्र में कई राज्यों की सहभागिता है और उनकी गति और सहयोग पर काफी कुछ निर्भर करेगा. वहीं, दिल्‍ली-एनसीआर की बढ़ती जनसंख्‍या भी एक बड़ी परेशानी है. केंद्रीय शहरी आवास एवं विकास मंत्रालय के मसौदे के अनुसार, दिल्ली के राजघाट से 100 किलोमीटर के गोलाकार दायरे में शामिल क्षेत्र को ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र माना जाएगा और उसे एनसीआर के रूप में विकसित किया जाएगा. वहीं, मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सरकार की कोशिश अगले दो दशक में समूचे एनसीआर को पूरी तरह नया स्वरूप देने की है. हालांकि इसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सहभागिता पर बहुत कुछ निर्भर करेगा.

बताया गया है कि जिस तरह से देश के कई राज्यों के लोगों का दिल्ली-एनसीआर की तरफ पलायन हो रहा है, उसके मद्देनजर इस नए मसौदे में अगले 20 साल में संभावित जनसंख्या का अनुमान लगाकर विकास का खाका खींचा जाएगा. मसौदे में यह भी तय होगा कि इतनी बड़ी आबादी के लिए पानी और सीवर के इंतजाम कैसे होंगे, सार्वजनिक या निजी परिवहन को कैसे गति दी जाएगी. गौरतलब है कि एनसीआर का इलाका राजधानी दिल्ली के साथ-साथ यूपी, हरियाणा और राजस्थान के कुल 24 जिलों तक फैला है. एनसीआर का क्षेत्रफल लगभग 150 से 175 किमी में फैला है. नए मसौदे के तहत एनसीआर के क्षेत्र को छोटा किया जाएगा. हरियाणा में पानीपत और यूपी के मुजफ्फरनगर के कुछ हिस्सों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के दायरे से बाहर किया जाएगा, ताकि विकास की योजनाओं को कारगर तरीके से लागू किया जा सके. दिल्ली-एनसीआर के दायरे को सीमित रखने के पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि राजधानी दिल्ली के मुकाबले एनसीआर के इलाके में समुचित विकास नहीं हुआ है. दिल्ली में ग्रीन-एरिया का फैलाव ज्यादा है, तो एनसीआर कंक्रीट के जंगल के रूप में उभर रहा है. दिल्ली के एनडीएमसी क्षेत्र में हरित क्षेत्र इसे दुनियाभर में ग्रीन-कैपिटल का दर्जा दिलाती है, लेकिन एनसीआर का क्षेत्रफल बड़ा होने के बावजूद वहां ऐसे हालात नहीं हैं.

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