उमा भारती के दबाव में प्रदेश सरकार नई शराबनीति पर नहीं ले पा रही फैसला

मध्य प्रदेश में नई शराबनीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपनी ही सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। इसके चलते ही प्रदेश सरकार नई शराबनीति को लेकर कोई फैसला ही नहीं कर पा रही है। प्रदेश में अभी तक 31 जनवरी तक नई शराबनीति घोषित हो जाती थी, लेकिन इस बार फरवरी में भी सरकार की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है। चुनावी साल में उमा भारती के नई शराबनीति के तेवर को लेकर सरकार भी कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। उमा ने नई शराबनीति को लेकर भोपाल में मंदिर में प्रवास किया था। ओरछा में शराब दुकान के सामने विरोध किया था। पूर्व सीएम ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि नई शराबनीति उनके अनुरूप नहीं आई तो परिणाम ठीक नहीं होगा। उन्होंने सुझाव भी दिए थे। इसमें स्कूल, धार्मिक स्थल, अस्पताल से शराब दुकानों की दूरी एक किमी करने, शराब पीने के अहातों को बंद करने के सुझाव दिए हैं।

सरकार ने वर्ष 2023-24 में शराब से 14 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में उमा भारती के सुझाव सरकार के राजस्व को बढ़ाने में रोड़ा बन सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार विभाग की तरफ से नई पॉलिसी को फाइनल कर भेज दिया गया है। जिसे मुख्यमंत्री के साथ चर्चा के बाद फाइनल कर दिया जाएगा।

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