प्रदेश में शिक्षकों के नए सिरे से होगी पोस्टिंग, प्रमोशन होंगे रद्द, जॉइंट डायरेक्टर पर FIR के निर्देश
शिक्षामंत्री रविंद्र चौबे ने सहायक शिक्षक पदोन्नति के पोस्टिंग में हुए लेनदेन की पुष्टि के बाद सभी पोस्टिंग रद्द कर नए सिरे से लिस्ट जारी करने को कहा है। साथ ही दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षक प्रमोशन के बाद संशोधित पोस्टिंग लिस्ट को निरस्त किया जाएगा। वहीं निलंबित हुए सभी जेडी के खिलाफ एफआईआर के भी निर्देश हैं।
जानकारी के मुताबिक शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद जल्द ही डीपीआई की तरफ से निर्देश जारी कर दिया जायेगा। इससे पहले शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिया है। चौबे ने मंत्रालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला, सचिव एस भारतीदासन सहित डीपीआई और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में प्रमोशन और पोस्टिंग को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री के पास आई शिकायत के आधार पर सभी संभागों में प्रमोशन में पोस्टिंग के संशोधन के नाम पर गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। जिसके बाद शिक्षा मंत्री सभी संभागों में कमिश्नर को इस मामले में जांच के आदेश दिये। जिसके बाद बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर और सरगुजा के संयुक्त संचालक के खिलाफ मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सस्पेंड करने का आदेश दिया गया। आपको बता दें कि प्रदेश में 4000-4500 से ज्यादा शिक्षकों के प्रमोशन में संशोधन हुआ था। अब उन संशोधन को निरस्त करने का आदेश शिक्षा मंत्री ने दे दिया है।
इन पर की गई कार्रवाई
- के कुमार, तत्कालीन संयुक्त संचालक रायपुर निलंबित
- सीएस ध्रुव, जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार-भाटापारा
- आर के वर्मा, प्राचार्य डाइट रायपुर
- डीएल ध्रुव, सहायक संचालक संभागीय शिक्षा कार्यालय रायपुर
- शैल सिन्हा, सहायक संचालक शिक्षा संभागीय कार्यालय रायपुर
- ऊषा किरण खलखो, सहायक संचालक शिक्षा संभागीय कार्यालय रायपुर
- संजय पुरी गोस्वामी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी धरसींवा जिला रायपुर
- एस के गेंदेले विकास खंड शिक्षा अधिकारी जिला बलौदाबाजार-भाटापारा
ऐसे रचा गया पूरा षड्यंत्र
- शासन के आदेश पर पोस्टिंग के लिए शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक ने सभी जिलों के डीईओ से रिक्त पदों की जानकारी मंगाई, जिसके बाद शहर के साथ ही जिला और ब्लॉक मुख्यालय के आसपास के स्कूलों में रिक्त पदों को छिपा दिया गया। इसके बाद दिखावे के लिए काउंसिलिंग किया गया। फिर कुछ ही दिन में छिपाए गए पदों पर संशोधन के नाम पर लेनदेन कर पोस्टिंग आदेश जारी किया गया।