राफेल डीलः कांग्रेस ने फिर ललकारा मोदी को

राफेल विवाद को लेकर कांग्रेस ने आज मोदी सरकार पर एक बार फिर जोरदार हमला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री के एंटनी ने एक के बाद एक कई सवाल पूछे और सबसे बड़ा सवाल ये पूछा कि अगर यूपीए के दौर से सस्ता विमान खरीदा गया है तो फिर विमान की संख्या 126 के बजाए 36 तक क्यों घटाई गई। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा को देखते हुए 126 से ज्यादा विमानों की जरूरत है लेकिन मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा से समझौता किया है। एंटनी ने कहा, 126 विमानों की खरीद के लिए प्रस्ताव डिफेंस एक्वीजिशन कॉउंसिल ने पास किया था। ऐसे में कोई व्यक्ति विमानों की संख्या नहीं घटा सकता। प्रधानमंत्री को संख्या घटाने की अनुमति किसने दी। संख्या घटाने के लिए क्या एयरफोर्स ने कहा था।

कांग्रेस नेता एंटनी का कहना है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सच्चाई छुपा रही हैं। उन्होंने कहा, ष्सीतारमण कहती हैं कि HAL में 108 विमानों को बनाने की क्षमता नहीं थी। जबकि HAL के पास 70 सालों से ज्यादा का अनुभव है। वो 31 तरह के 4060 जहाज बना चुकी है जिसमें “सुखोई” भी शामिल है।

एंटनी कहते हैं कि रक्षा मंत्री के बयान से HAL की प्रतिष्ठा दुनिया में धूमिल हुई है। यूपीए सरकार में HAL कंपनी लाभ में थी, लेकिन मोदी सरकार में उसे हजारों करोड़ का लोन लेना पड़ा है। इसके इतर मोदी सरकार ने रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर चुना है जबकि उसे रक्षा उत्पादन में कोई अनुभव नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सरकार का कहना है कि पहला विमान सितम्बर 2019 तक आएगा और 36 विमानों की पूरी खेप 2022 तक आएगी। मोदी सरकार ने पिछली डील को रद्द किए बिना ही नई डील की है। ये साफ तौर पर रक्षा सौदे के नियमों का उल्लंघन है। कांग्रेस चाहती है कि इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच हो जिससे सच्चाई सामने आए।

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