पीएम मोदी ने IIM संबलपुर के स्थाई कैंपस की रखी आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ओडिशा के संबलपुर में भारतीय प्रबंधन संस्थान(IIM) के स्थायी परिसर की आधारशिला रखी। इस कार्यक्रम में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी शामिल हुए। इस मौके पर पीएम ने कहा कि आज IIM कैंपस के शिलान्यास के साथ ही ओड़िशा के युवा सामर्थ्य को मजबूती देने वाली एक नई शिला रखी गई है। IIM का ये स्थायी कैंपस ओड़िशा की महान संस्कृति और संसाधनों की पहचान के साथ ओड़िशा को मैंनेजमेंट की दुनिया में नई पहचान देने वाला है। आज के स्टार्टअप कल की बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैं। अधिकांश स्टार्टअप देश के टियर II और III शहरों में आ रहे हैं। खेती के क्षेत्र से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक स्टार्टअप्स का दायरा बढ़ता जा रहा है।
इस अवसर पर मोदी ने कहा कि बीते दशकों में एक ट्रेंड देश ने देखा, बाहर बने मल्टी नेशनल बड़ी संख्या में आए और इसी धरती में आगे भी बढ़े। ये दशक और ये सदी भारत में नए-नए मल्टीनेशसल्स के निर्माण का है। देश के नए क्षेत्रों में नए अनुभव लेकर निकल रहे मैंनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इस साल भारत ने कोविड संकट के बावजूद पिछले सालों की तुलना में ज्यादा यूनिकॉर्न दिए हैं। जब आपमें से अनेक साथी संबलपुरी टेक्सटाइल और कटक की फिलिगिरी कारीगरी को ग्लोबल पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए काम करेंगे। तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओड़िशा के विकास को भी नई गति मिलेगी।
मोदी ने कहा कि स्थानीय को वैश्विक में बदलने के लिए, IIM छात्रों को नए और नए समाधान खोजने की जरूरत है। मुझे यकीन है कि हमारे आईआईएम स्थानीय उत्पादों और वैश्विक सहयोग के बीच एक सेतु का काम कर सकते हैं। प्रबंधन कौशल के लिए काम का पैटर्न और मांग तेजी से बदल रही है। आज, टॉप-डाउन और टॉप-हेवी मैनेजमेंट की जरूरत नहीं है। यह सहयोगी, नवीन और परिवर्तनकारी प्रबंधन में बदल गया है। Work from anywhere के कॉन्सेप्ट से पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज से ग्लोबल वर्कप्लेस में बदल गई है। भारत ने भी इसके लिए हर जरूरी रिफॉर्म्स बीते कुछ महीनों में तेजी से किये हैं।