किसानों के आगे झुकी सरकार: चौधरी जयंत बोले- ये किसान की जीत

पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के एलान पर पश्चिमी यूपी में किसान नेताओं में खुशी की लहर है। पंजाब से शुरू हुए आंदोलन को वेस्ट यूपी के किसानों ने मुकाम तक पहुंचाया। पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया था, हरियाणा व वेस्ट यूपी का साथ मिला था। राकेश टिकैत के आसुओं ने इस आंदोलन को मजबूत किया। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर पश्चिमी यूपी में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान कर दिया। इसके बाद से आंदोलनरत किसानों के साथ साथ आंदोलन का समर्थन कर रही जनता में खुशी की लहर है। पंजाब से शुरू हुए आंदोलन को वेस्ट यूपी के किसानों ने मुकाम तक पहुंचाया। पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया था, हरियाणा व वेस्ट यूपी का साथ मिला था। 26 जनवरी को आंदोलन खत्म होने की कगार पर पहुंचा तो, वेस्ट यूपी के किसानों ने दोबारा खड़ा करके कानून वापसी की मंजिल तक पहुंचाया। राकेश टिकैत के आसुओं ने इस आंदोलन को मजबूत किया। वहीं, पंजाब व हरियाणा के किसान नेता खुद भी वेस्ट यूपी के किसान नेताओं व किसानों को आंदोलन की अहम कड़ी मान रहे हैं। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर हालांकि भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं लिया जाएगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानून को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। यह बातें टिकैत ने ट्वीट करते हुए साझा कीं। प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानून के वापस ले लिए जाने के एलान के बाद टिकैत ने यह प्रतिक्रिया दी है।

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