उच्च सदन में भाजपा मजबूत: 1990 के बाद राज्यसभा में पहली बार किसी पार्टी के 100 सांसद

अपने इतिहास में पहली बार भाजपा ने गुरुवार को हुए चुनाव में असम, त्रिपुरा और नागालैंड में एक-एक सीट जीतने के बाद राज्यसभा में 100 सदस्य होने की उपलब्धि हासिल की है। छह राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों के लिए हाल ही में हुए द्विवार्षिक चुनावों में भाजपा ने पंजाब से अपनी एक सीट खो दी, लेकिन तीन पूर्वोत्तर राज्यों और हिमाचल प्रदेश से एक-एक सीट हासिल की। यहां सभी पांच निवर्तमान सदस्य विपक्षी दलों से थे।

पंजाब में आप को मिलीं सभी पांच सीटें
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की। जबकि राज्यसभा की वेबसाइट ने अभी तक नए सूची को अधिसूचित नहीं किया है। अगर नए चुनावों में उसे मिली तीन सीटों को मौजूदा 97 सीटों में जोड़ दिया जाए तो भाजपा की संख्या 100 तक पहुंच जाएगी। 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में बहुमत हासिल करने के बाद से 245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत से काफी कम होने के बावजूद भाजपा के सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 2014 में राज्यसभा में भाजपा की ताकत 55 थी और तब से लगातार बढ़ रही है क्योंकि पार्टी ने कई राज्यों में सत्ता हासिल की है।

1990 में कांग्रेस के सांसदों की संख्या घटकर 99 हो गई थी
पिछली बार किसी पार्टी के पास उच्च सदन में 100 या अधिक सीटें 1990 में थीं, जब 1990 के द्विवार्षिक चुनावों में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या गिरकर 99 हो गई थी। तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस के पास इससे पहले 108 सदस्य थे। राज्यों में सत्ता छिनने और गठबंधन युग शुरू होने के बाद से कांग्रेस में गिरावट का दौर जारी रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *