शिवराज ने की समीक्षा, गोविंद सिंह को सतपुड़ा भवन जाने से रोका

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासनिक कार्यालय सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी आग पर नौ घंटे बाद काबू पा लिया गया। घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। आग में स्वास्थ्य विभाग के 12 हजार से अधिक दस्तावेज नष्ट हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहित अन्य नेताओं ने आग को भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने की साजिश बताया है। शिवराज सरकार भी डैमेज कंट्रोल में लग गई है। तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति बनाई गई है, जिसने काम शुरू कर दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार सुबह इस मामले की समीक्षा की। सामान्य प्रशासन विभाग ने आगजनी की घटना को देखते हुए सतपुड़ा भवन के कार्यालय में मंगलवार को अवकाश घोषित किया है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह मामले की समीक्षा की। इस बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, डीजीपी सुधीर सक्सेना, एसीएस होम राजेश राजौरा, स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलमेान, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई समेत संबंधित अधिकारियों को बुलाया गया था। बैठक मुख्यमंत्री निवास कार्यालय समत्व में आयोजित की गई। इस बीच, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और विधायक पीसी शर्मा सहित कांग्रेस के नेता निरीक्षण करने के लिए सतपुड़ा भवन पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें भवन के बाहर ही रोका। इससे नाराज कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

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