औषधीय गुणों का भंडार है करौंदा
www.kaumiguldasta.com: आकार में बहुत छोटे परन्तु अनेक औषधीय गुणों के भंडार करौंदे का वानस्पतिक नाम करिस्सा करंदस लिनिअस है। यह ‘अपोसि नासी‘ वानस्पतिक परिवार का सदस्य है। करौंदे झाड़ी के रूप में उगता है यह सदाहरी तथा पेड़नुमा होता है। इसके हल्के हरे पत्ते 4 से 5 सेटीमीटर लंबे तथा चार सेटीमीटर चैड़े गोलकार तथा चिकने होते हैं। इसकी शाखाएं टेढ़ी-मेढ़ी होती है जिन पर तीख्¨ मजबूत कांटे जोड़ों में लगते हैं। इसकी छाल पीताभ-भूरी होती है। इसके फूल सफेद या गुलाबी रंग के होते हैं। फल गोल जामनी, गुलाबी या सफेद रंग का होता है। इसमें लगभग आठ बीज गूदे में धंसे होते हैं। फलों का स्वाद एकदम खट्टा तथा रसदार होता है।
करौंदा यों त¨ सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है परन्तु उष्ण कटिबंधीय क्ष्¨त्र इसके लिए सबसे उपयुक्त है। अधिकतर यह चट्टानी या रेतीली जमीन या जंगली अवस्था में ही उगा मिल जाता है। कोठियों आदि में शोभा के लिए इसकी झाड़ी भी रोपी जाती है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों के अनुसार करौंदा रस में अम्ल, तिक्त और मधुर होता है। करौंदे को पाक में गुरु, वीर्य में शीत, अग्नि दीपक, अरुचिनाशक, तृषाहर, विशनाशक पित्त और वायुनाशक तथा त्रिदोष क¨ शांत करने वाला माना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में सिट्रीक अम्ल तथा विटामिन सी ह¨ता है। इसमें रोगों से मुकाबला करने की शक्ति भी ह¨ती है। भारतीय घरों में विभिन्न रूपों में इसका खूब प्रयोग किया जाता है।
करौंदे के पत्ते शहद में मिलाकर खाने से सूखी खांसी ठीक होती है। बार-बार आने वाले बुखारों की प्रथम अवस्था में पत्तों का काढ़ा उपयोगी है। बहुत ज्यादा गर्मी में अक्सर भोजन के प्रति अरुचि उत्पन्न हो जाती है ऐसे में करौंदे की मीठी चटनी खाने से अरुचि दूर होती है साथ ही भोजन शीघ्र पच भी जाता है। हृदय रोगियों क¨ भी गर्मिय¨ं में करौंदे के मुरब्बे का सेवन करना चाहिए इससे उन्हें आराम मिलता है। गर्मिय¨ं में बार-बार प्यास लगने पर इसके रस में शक्कर या चीनी मिलाकर पीना चाहिए इससे प्यास शांत हो जाती है।
पित्त प्रकोप से होने वाले रोगों के निदान के लिए करौंदा बहुत उपयोगी ह¨ता है। पित्त प्रवाह की शांति के लिए करौंदे के रस में शहद तथा इलायची मिलाकर पीने से बड़ा लाभ होता है। करौंदा कब्जनाशक भी होता है। करौंदे के कच्चे फल की सब्जी या अन्य सब्जियों के साथ इसे खाने से कब्ज नहीं होती तथा इसके नियमित प्रय¨ग से कब्ज होने की संभावना भी कम होती है। करौंदे में वायुनाशक गुण भी होते हैं। नियमित रूप से सेवन करने पर यह गर्मियों मेें पेट में गैस बनने की समस्या को दूर करता है।