दिल्लीः कल से शुरू होगा विधानसभा का मॉनसून सत्र

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का 29 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है. 2 दिन के बुलाए गए मॉनसून सत्र में भाजपा ने दिल्ली सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. साथ ही भाजपा विधायकों ने दिल्ली की समस्याओं पर चर्चा के लिए सत्र की अवधि को कम से कम 5 दिन करने की मांग भी की है. इस बाबत नेता प्रतिपक्ष की ओर से दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा गया है.

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि हमने विधानसभा में अल्पकालिक चर्चा (नियम 55) के तहत कई विषयों पर चर्चा कराने का नोटिस दिया है. दिल्ली में पानी का गंभीर संकट है, स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, दिल्ली गैस चैम्बर बनी हुई है, डीटीसी की सारी बसों की उम्र पूरी होने से परिवहन व्यवस्था पर गंभीर संकट छाया हुआ है. वहीं, बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही, कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह चरमरा गई और दिल्ली में बड़े नालों की सफाई न होने से मानसून में दिल्ली फिर डूब रही है. ये सभी दिल्ली के ज्वलंत विषय है और इन विषयों पर चर्चा का अनुरोध अध्यक्ष से किया गया है. बिधूड़ी ने बताया कि भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा है कि दिल्ली के इतने महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा सिर्फ दो दिन के सत्र में नहीं हो सकती. इसलिए यह सत्र कम से कम पांच दिन का किया जाए ताकि दिल्ली की समस्याओं पर खुलकर बहस हो सके. बिधूड़ी ने कहा कि अध्यक्ष से कहा है कि भाजपा विधायक जिस विषय पर भी चर्चा का नोटिस देते हैं, उसपर चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती. विधानसभा अध्यक्ष सभी सदस्यों के संरक्षक होते हैं-चाहे वह सत्तापक्ष हो या विपक्ष. इसलिए सभी विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करना उनका दायित्व है. इसलिए इस बार भाजपा विधायकों को जनहित के मुद्दे उठाने से रोका नहीं जाए. बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार अब तक दिल्ली विधानसभा का इस्तेमाल दिल्ली की समस्याओं को हल करने के लिए नहीं बल्कि अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने के लिए करती रही है. जनता को यह उम्मीद होती है कि उसकी समस्याओं पर विधानसभा में चर्चा हो और उनका समाधान हो.

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