उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ के लिए ‘भस्मासुर’ साबित हो रही यूपी पुलिस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि एक सख्त प्रशासक की रही है। उन्होंने जब से उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली है, प्रदेश के अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की है। दर्जनों बड़े अपराधियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया तो सैकड़ों अपराधी इस समय जेल की हवा खा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की इस छवि का जनता में खुलेदिल से स्वागत किया जा रहा था और उनकी लोकप्रियता बढ़-चढ़कर बोल रही थी। माना जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ की इस सख्त छवि का फायदा भाजपा को विधानसभा चुनाव में भी मिल सकता है। लेकिन चुनाव के ठीक पहले अचानक ही यूपी पुलिस सवालों के कटघरे में खड़ी हो गई है।

गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता के मारे जाने और एक अन्य हत्याकांड के बाद अब लखीमपुर खीरी की घटना ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं। विपक्ष का आरोप है कि मुख्यमंत्री के पुलिस को खुली छूट देने से वह नियंत्रण से बाहर हो गई है और स्थिति को नहीं संभाल पा रही है। कहा जा रहा है कि इन घटनाओं से योगी आदित्यनाथ की सख्त प्रशासक की छवि को भारी चोट पहुंची है। तो क्या यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली अब मुख्यमंत्री की साख को चोट पहुंचा रही है? भाजपा को लखीपुरखीरी की घटना के पीछे ‘सुनियोजित साजिश’ दिखाई पड़ रही है।

वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने अमर उजाला से कहा कि लखीमपुर खीरी में पुलिस की सीधी लापरवाही उजागर हो रही है। कोई विरोध प्रदर्शन हो या सामान्य कार्यक्रम, भीड़भाड़ होने की स्थिति में स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त कार्यबल होना चाहिए। इस घटना में पुलिस के पास पहले से पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बाद भी सुरक्षा की पर्याप्त तैयारी नहीं की गई जिससे आठ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की अनेक घटनाओं को देखकर यही लग रहा है कि यहां पुलिस को सरकार की ओर से बहुत ज्यादा छूट मिल गई है, जिसके कारण वह अपनी मनमर्जी करने पर उतारू हो गई है। पुलिस को मिली इसी छूट का परिणाम गोरखपुर और लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं के रूप में सामने आ रहा है। सरकार को इस स्थिति पर नियंत्रण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों के विरोध करने के अधिकार को पुलिस बलों के दम पर झुकाया नहीं जाना चाहिए। किसी विरोध प्रदर्शन के होने पर पुलिस प्रशासन को उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।

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