वरिष्ठ किसान नेता हन्नान मौला ने कहा, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग से पीछे नहीं हटेंगे किसान संगठन

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मचे बवाल के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। किसान संगठन और भाजपा सरकार भी आमने-सामने होते नजर आ रहे हैं। किसान संगठन एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार और देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ एक निर्णायक आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। किसानों ने राज्यों के संगठनों को अलर्ट पर रहने और प्रदेशस्तर पर तैयारी करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। आगामी रणनीति को लेकर सोमवार शाम को संयुक्त किसान मोर्चा एक बैठक भी करने जा रहा है।

भारतीय किसान यूनियन (असली, अराजनैतिक) के अध्यक्ष हरपाल सिंह बिलारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे और उनके समर्थकों ने ये प्री-प्लान मर्डर किया है। गृह राज्य मंत्री ने दो दिन पहले ही पंचायत के अपने एक भाषण में कहा था कि, ‘हम दो घंटे में किसानों को सबक सीखा सकते हैं।’ मंत्री के बेटे ने पहले किसानों को टक्कर मारी फिर गोलियां चलाई। जब किसानों ने लड़कों को पकड़ लिया तो स्थानीय पुलिस वालों ने उन्हें बचा लिया। संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े किसान नेता लखीमपुर खीरी में पहुंचना शुरू हो गए हैं। हम लोग तय करेंगे आगे की रणनीति क्या होगी। भाजपा के लोग क्या कर रहे हैं इससे हमें कोई लेना-देना नहीं हैं, लेकिन एक मंत्री का लड़का लोगों को मार रहा है। देश में आज किसान नहीं बल्कि भाजपा, आरएसएस और उससे जुड़े लोग अराजकता फैला रहे हैं। विपक्ष द्वारा इस मसले पर राजनीति करने पर बिलारी ने कहा, ये आंदोनल किसानों का है। इस आंदोलन को लीड किसान नेता कर रहे हैं, न कि विपक्षी दल। लेकिन ये तय हो गया है कि अब किसान योगी सरकार के खिलाफ निर्णायक फैसला करके ही दम लेंगे।

वरिष्ठ किसान नेता हन्नान मौला ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार एक तनाशाह सरकार है। इसी सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा दलित, आदिवासी और मुस्लिम मरे। केंद्र की भाजपा सरकार हमारे आंदोलन को धर्म जात के आधार पर तोड़ने की लाख कोशिशें करे, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके। इसलिए सरकार की ये लाइन तय है, किसानों को मारकर रास्ते से हटाया जाए। इसी सिलसिले में पहले हरियाणा में किसानों पर लाठी चार्ज किया। इसमें एक किसान की मौत हो गई। इसके बाद असम में तीन किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद यूपी में इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया। अन्य राज्यों में भी चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए भाजपा इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे सकती है। ये सरकार कितना भी जुल्म करे, कितना भी बदनाम करे, कितने भी किसानों की हत्या करे लेकिन हम अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नहीं हैं। इस भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हर हाल में जारी रखेंगे।

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