पीएम मोदी के कार्यकाल में नेशनल हाइवे के साथ-साथ ग्रामीण सड़कों का भी हुआ विकास

नई दिल्ली: सड़क और विकास एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. इसे अलग-अलग कालखंड में दिए गए इन बयानों से भी समझ सकते हैं. जब रोमन अंपायर अपने विकास के चरम पर था, उस वक्त कहा जाता था कि सभी सड़कें रोम को जाती है और आज जब अमेरिका दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बन गया है, तब कहा जाता है कि अमेरिका विकसित है इसलिए कि वहां की सड़कें अच्छी हैं. ऐसा नहीं है, बल्कि अमेरिका की सड़कें अच्छी हैं, इसलिए अमेरिका विकसित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में इंफ्रास्ट्रक्चर, विशेष तौर पर सड़क निर्माण को लेकर को काफी कुछ काम किया है. इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल हाईवे के निर्माण के साथ-साथ गांवों को भी सड़कों से जोड़ने का काम किया. मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान नेशनल हाईवे के निर्माण पर काफी बल दिया गया. इसी के कारण अभी देश में लगभग 23 एक्सप्रेस्वे बनाने का लक्ष्य रखा गया है. एक्सप्रेस-वे निर्माण में तेजी को हम इसी आंकड़ों से समझ सकते हैं कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन 40 किलोमीटर नेशनल हाईवे के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जबकि यूपीए सरकार के दौरान इसके निर्माण का एवरेज लगभग 13 किलोमीटर प्रति दिन था. कोरोना के कारण 40 किलोमीटर प्रतिदिन निर्माण का लक्ष्य प्रभावित हुआ है, लेकिन कुछ तिमाही में इस लक्ष्य के आसपास पहुंचा जा चुका है.

ग्रामीण सड़कों के लिए किया यह काम
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एक और दो के साथ-साथ वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क के लिए चल रही योजनाओं को जारी रखने की अनुमति केंद्रीय कैबिनेट ने दी है. इस योजना के तहत 2021-22 से 2024-25 तक कुल 1,12,419 रुपए खर्च करने का अनुमान है. इसके साथ ही साथ पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों की मदद के लिए इस योजना की समय अवधि सितंबर 2022 तक बढ़ा दी गई है. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क बनाने के लिए योजना को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इसके तहत 1887 किलोमीटर लंबी सड़क और 40 पुल को मंजूरी भी दी गई है. सबसे महत्वपूर्ण यह है कि 2016 से अब तक वामपंथी उग्रवाद प्रभावित 9 राज्यों के 44 जिलों में 4490 किलोमीटर लंबी सड़क और 105 पुलों का निर्माण हो चुका है.

6.25 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान हुई थी, जिसमें प्रत्येक गांव, जिसकी आबादी 500 से अधिक है. साथ ही नॉर्थ ईस्ट और हिमालयी राज्यों में, जहां की आबादी ढाई सौ से अधिक है, वहां पर ग्रामीण सड़कों को बनवाने लक्ष्य रखा गया था. इसके तहत अभी तक 6.25 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण करवाया जा चुका है. साथ ही साथ लगभग 6000 पुलों का निर्माण किया जा चुका है. मई 2013 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-2 की शुरुआत हुई जिसके तहत 50,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़क बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिसमें से अभी तक 49000 किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण किया जा चुका है और 500 से अधिक पुलों का निर्माण किया जा चुका है. 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तीन की शुरुआत की गई जिसमें 125000 किलोमीटर की मौजूदा सड़कों के सुदृढ़ीकरण का काम किया जा रहा है. इस काम को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर काफी बल दिया गया.

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