ऋषिकेश: योगनगरी पहुंचे रिकॉर्ड 11 लाख पर्यटक, तपोवन से ब्यासी तक होटल और कैंप फुल

योगनगरी में पर्यटकों की रिकॉर्ड भीड़ के आगे यातायात व्यवस्था ने घुटने टेक दिए। नेपाली फॉर्म से लेकर ब्यासी तक के सफर करने तक पर्यटकों घंटों जाम झेलना पड़ा। वहीं नीलकंठ मोटर मार्ग पर भी वाहनों की लंबी कतार में लोग भीषण गर्मी से जूझते नजर आए। हाल यह था कि तपोवन से लेकर ब्यासी व बाघखाला से नीलकंठ महादेव मंदिर के बीच सभी होटल, कैपिंग रिसॉर्ट, जंगल कैंप पर्यटकों से पूरी तरह से पैक हो गए। पुलिस के अनुसार बृहस्पतिवार से रविवार तक चार दिनों में 10 लाख 99 हजार 594 पर्यटक योगनगरी पहुंचे। ऋषिकेश में चार दिनों के सुपर वीकेंड में बीते सालों के सभी रिकॉर्ड टूट गए। स्थानीय लोग तक कह रहे थे कि ऐसा लग रहा है कि मानो पूरे देशभर से पर्यटक ऋषिकेश पहुंच गए हों। रविवार सुबह से ही एक बार फिर पर्यटकों वाहनों रेला ऋषिकेश हाईवे पर उमड़ पड़ा। नेपाली फॉर्म से ही पर्यटकों के वाहनों ने सड़क पर रेंगना शुरू कर दिया। श्यामपुर चौकी से बाहर राज्यों के वाहनों को बाइपास पर डायवर्ट कर दिया। यहां भी यातायात का दबाव अधिक होने के चलते ढालवाला तक ही पहुंचने में वाहनों को एक घंटे का समय लग गया। ढालवाला से वाहनों का सीधा भद्रकाली की ओर भेज दिया गया। तपोवन आने वाले वाहनों को शिवानंद, पूर्णानंद और खारा स्त्रोत पार्किंग में खड़ा करवाया गया।

पर्यटकों की भयंकर जाम से होकर गुजरना पड़ा
वहीं शिवपुरी, ब्यासी, कौड़ियाला जाने वाले वाहनों को तपोवन बाइपास से निकाला गया। यहां भी वाहन दिनभर जाम में हाफंते रहे। शिवपुरी, ब्यासी और कौड़ियाला से आने वाले वाहनों को गरुड़चट्टी पुल से बैराज की ओर डायवर्ट किया। वापसी में पर्यटकों को जबरदस्त जाम से सामना हुआ। पर्यटकों की भारी भीड़ के चलते तपोवन, शिवपुरी और ब्यासी में केवल एडवांस बुकिंग करने वालों को ही कमरा मिल पाया। जबकि स्वर्गाश्रम क्षेत्र और हेंवल घाटी में धर्मशालाओं, होटलों और जंगल कैंप में पहले से बुकिंग करने वालों को ही कमरे मिल पाए। बिना बुकिंग के योगनगरी पहुंचे पर्यटकों कमरों व कैंप के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की ओर जाने वाले संपर्क मार्गों के किनारे बने होटलों और जंगल कैंप का रुख करना पड़ा। शाम को जब पर्यटकों की वापसी के दौरान भयंकर जाम से होकर गुजरना पड़ा। देर शाम तक जाम खुलवाने और वाहनों का आवागमन सुचारू करने के लिए पुलिसकर्मी सड़क पर पसीना बहाते रहे।

96 हजार पर्यटकों ने की राफ्टिंग
पर्यटकों में राफ्टिंग को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिला। ऋषिकेश में 600 राफ्ट का संचालन किया जाता है। 12 घंटों के दौरान राफ्ट को चार से पांच बार गंगा में उतारा जाता है। बृहस्पतिवार से लेकर रविवार तक 96 हजार पर्यटकों ने राफ्टिंग का लुत्फ उठाया। पर्यटकों ने शिवपुरी, ब्रह्मपुरी, क्लब हाउस, मरीन ड्राइव आदि स्थानों से राफ्टिंग की। राफ्टिंग करने वालों की संख्या इतनी अधिक थी कि पर्यटकों को अपनी बारी के लिए एक से डेढ़ घंटे का इंतजार करना पड़ा। हालांकि इस दौरान राफ्टिंग संचालकों ने मानकों का उल्लंघन भी किया। रात के अंधेरे में कई राफ्ट गंगा में तैरती नजर आई। मुनिकीरेती पुलिस ने कुछ राफ्टिंग संचालकों पर कार्रवाई भी की। गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने कहा कि पर्यटकों की जबरदस्त आमद से राफ्टिंग संचालकों का कारोबार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि नियमों के पालन को लेकर सभी संचालकों को निर्देशित किया गया है।

होटल और कैंप संचालकों के खिले चेहरे
पर्यटकों की जबरदस्त आमद से होटल और कैंप संचालकों कोरोना काल में पहली बार बड़ी राहत मिली है। सभी होटल और कैंप पहले ही बुक हो गए थे। होटल और कैंप संचालकों को उम्मीद है कि अगला वीकेंड भी पर्यटन की दृष्टि से बेहद शानदार होगा। होटल एसोसिएशन ऑफ तपोवन लक्ष्मणझूला के अध्यक्ष रवि भंडारी ने बताया कि योगनगरी पर्यटकों की मनपसंद डेस्टिनेशन बन गई है। इस बंपर वीकेंड पर पर्यटकों रिकॉर्ड संख्या में योगनगरी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आने वाले वीकेंड पर्यटकों संख्या और इजाफा होने की संभावना है।

लक्ष्मणझूला पुल बंद, पर्यटकों को लगाना पड़ रहा 10 किलोमीटर का फेरा
टिहरी प्रशासन के आदेश पर लोनिवि नरेंद्रनगर ने लक्ष्मणझूला पुल को पर्यटकों के आवागमन के लिए अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया गया है। पुल पर आवाजाही बंद होने से पर्यटकों को 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। पुल पर आवाजाही पूरी तरह से बंद है। ऐसे में पर्यटक दूर से लक्ष्मणझूला पुल की फोटो खींचकर मायूस वापस लौट रहे हैं। चार दिनों से ऋषिकेश में पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। इसके चलते लक्ष्मणझूला पुल पर पर्यटकों का दबाव बढ़ रहा था। भीड़ के चलते पुल पर जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। पर्यटकों के दबाव के कारण पुल को नुकसान होने की आशंका के मद्देनजर लोनिवि नरेंद्रनगर ने शनिवार जिलाधिकारी को पत्र भेजा था। जिसमें पुल पर संक्रेदित दबाव होने के चलते जनहानि की आशंका जताई थी। इसके बाद जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने तुरंत निर्णय लेते हुए शनिवार रात को ही लक्ष्मणझूला पुल को अनिश्चितकालीन के लिए बंद करने के आदेश जारी कर दिए। पुल पर आवागमन बंद होने के बाद रविवार को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी से आए पर्यटक लक्ष्मणझूला पुल पर आवागमन को बंद देख मायूस हो गए। कई पर्यटक पुल के पास ही फोटो खींचकर चलते बनें।

10 किलोमीटर का तय किया सफर
लक्ष्मणझूला पुल पर पर्यटकों का आवागमन बंद होने के चलते दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी आए पर्यटकों को लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम क्षेत्र जाने के लिए तपोवन स्थित लक्ष्मण चौक से गरुड़चट्टी पुल होते हुए लक्ष्मणझूला स्वर्गाश्रम जाना पड़ा। इस दौरान उन्हें करीब 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ी।

रामझूला पुल पर बढ़ा दबाव
शनिवार रात पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए लक्ष्मणझूला पुल बंद करने से रविवार को रामझूला पुल पर दबाव बढ़ गया है। कई पर्यटक लक्ष्मणझूला पुल बंद होने की सूचना के बाद अपने वाहन रामझूला पार्किंग में खड़े कर रामझूला पुल से स्वर्गाश्रम पहुंचे। रामझूला पुल पर्यटकों से खचाखच भरा रहा। वहीं जानकी पुल पर भी दिनभर भीड़ रही।

विक्रमों में खूब हुई ओवरलोडिंग
शहर जाम लगने के कारण रायवाला से रामझूला पहुंचने में कई घंटे गए। इस दौरान जाम बचने के लिए विक्रम चालकों ने अपने वाहन खड़े कर दिए थे। जो विक्रम सड़क पर चल रहे थे, उनमें खूब ओवरलोडिंग हुई।

12 जुलाई 2019 को भी बंद हुई पुल पर आवाजाही
लक्ष्मणझूला पुल के कमजोर होने के कारण 12 जुलाई 2019 को शासनादेश जारी होने के बाद लोनिवि नरेंद्रनगर ने इस पुल पर बंद कर दिया था। करीब 1829 में बने इस झूला पुल को आईआईटी के वैज्ञानिकों ने आवाजाही के लिए खतरनाक बताया था। तब करीब 10 दिन तक पुल पर आवाजाही बंद की गई थी। स्थानीय व्यापारियों और लोगों के विरोध के बाद पुल के दोनों से केवल लोगों के आने जाने के लिए पुल को खोला गया था। दोपहिया वाहनों की आवाजाही बंद थी।

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