2023 में नई ऊंचाईयों को छुएगा उत्तराखंड, पढ़िये खास रिपोर्ट

नए साल 2023 के साथ आज देवभूमि भी नई शुरुआत करेगी। तरक्की की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहे उत्तराखंड के 13 जिलों के 13 प्रोजेक्ट राज्य की तस्वीर बदल देंगे। इनके धरातल पर उतरते ही राज्य की विश्व पटल पर नई पहचान होगी। ये प्रोजेक्ट पीएम मोदी के उस प्लान का भी हिस्सा हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है।…

1. चमोली : रोपवे से 45 मिनट में पूरा होगा हेमकुंड साहिब का सफर
सिखों के पवित्र धर्मस्थल हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे बनने से यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनने वाले दुनिया के सबसे ऊंचे रोपवे की लंबाई 12.4 किमी होगी। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि रोपवे बनने से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। बदरीनाथ आने वाले 60 फीसदी यात्री भी हेमकुंड साहिब पहुंच सकेंगे। रोपवे से हेमकुंड साहिब तक का सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा होगा। खर्चा भी महज 1100 रुपये होगा। बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं को ज्यादा सुविधा होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास कर चुके हैं।

2. उत्तरकाशी: टनल और चौड़े हाईवे गंगोत्री, यमुनोत्री पहुंचना होगा आसान
सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने पर उत्तरकाशी से गंगोत्री तक हाईवे चौड़ीकरण का काम शुरू होगा। मार्च 2023 से चौड़ीकरण के लिए चट्टानों की कटान शुरू की जाएगी। 100 मीटर के दायरे में हाईवे का चौड़ीकरण होना है। परियोजना की लागत करीब 15 सौ करोड़ रुपये है। हाईवे का ब्लैक टॉप करीब 10 मीटर होगा। दूसरी ओर जिले में यमुनोत्री हाईवे पर बनी रही करीब साढ़े चार किमी लंबी सिलक्यारा टनल नए साल में पूरी हो जाएगी। इसे वर्ष 2022 में जुलाई में पूरा होना था लेकिन तकनीकी कारणों से कार्य लटक गया। टनल निर्माण से धरासू से बड़कोट की दूरी 28 किमी कम हो जाएगी।

3. नई टिहरी: विश्व पर्यटन के फलक पर चमकेगी टिहरी झील
टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए स्वीकृत 1954 करोड़ के प्रोजेक्ट पर नए साल में काम शुरू होगा। डोबरा-चांठी, तिवाड़ गांव और पीपलडाली में भी नए बोटिंग प्वाइंट बनेंगे। 19 सौ करोड़ से झील के चारो ओर रिंग रोड, साइकिल ट्रैक, हट्स, योग ग्राम, होम स्टे, पैदल ट्रैक बनाए जाएंगे। झील क्षेत्र के आसपास 38 कार्यों को छह क्लस्टर में बांटा गया है। इनमें वाटर पार्क, स्वीमिंग पूल, एम्यूजमेंट राइड्स, ईको हट्स, पार्किंग, एकीकृत सूचना केंद्र, लाइट एंड साउंड शो, ब्रिज, योग और पंचकर्म, बायोडायवर्सिटी पार्क, एडवेंचर रिजॉर्ट से लेकर रिंग रोड भी बनाई जाएगी।

4. रुद्रप्रयाग: नए रूप में नजर आएगी केदारपुरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ 2023 में नए रूप में नजर आएगा। यहां पुनर्निर्माण के दूसरे चरण के कार्य पूरे होंगे। इन्हें मास्टर प्लान के तहत किया जा रहा है। दूसरे चरण के कार्यों में अस्पताल, पुलिस स्टेशन, तीर्थ पुरोहितों के भवन, यात्रा कंट्रोल एंड कमांड सेंटर शामिल हैं। फिलहाल कई कार्य पूूूरे होने वाले हैं जबकि अन्य कार्य नए वर्ष में पूरे किए जाएंगे। इससे पहले शंकराचार्य की तपस्थली, योग-ध्यान गुफा और नदी के किनारे सुरक्षा दीवार समेत कई कार्य पूरे हो चुके हैं। नए साल में पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद केदारपुरी की तस्वीर बदल जाएगी।

5. हरिद्वार: हरकी पैड़ी कॉरिडोर और पॉड टैक्सी कार पर होगा काम
उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के ड्रीम प्रोजेक्ट पॉड टैक्सी कार को धरातल पर उतारने की शुरुआत होने की उम्मीद है। 1650 करोड़ का यह प्रोजेक्ट ज्वालापुर से भारत माता मंदिर भूपतवाला तक 21 किमी का है। इसमें छह पॉड टैक्सी संचालित होंगी। एक टैक्सी में छह सवारियां बैठ सकेंगी। पॉड टैक्सी एलीवेेटेड स्टील ट्रैक पर चलेगी। इसका सर्वे हो चुका है। ट्रैक के ऊपर ही 20 स्टेशन बनाए जाएंगे। परियोजना पीपीपी मोड में बनेगी। वहीं, काशी कॉरिडोर की तर्ज पर हरकी पैड़ी कॉरिडोर विकसित करने की शुरुआत होगी। तीन किमी क्षेत्र कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है।

6. पौड़ी गढ़वाल: इस साल तैयार हो जाएगा शहीद जसवंत सिंह खेल मैदान
शहीद जसवंत सिंह खेल मैदान मई 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसक के लिए 22 करोड़ 29 लाख के बजट को मंजूरी मिल चुकी है। 10 करोड़ 20 लाख स्वीकृत हो चुके हैं। कार्य 60 फीसदी पूरा हो गया है। मैदान की नींव अविभाजित उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा ने वर्ष 1974 में रखी थी। राज्य गठन के बाद मैदान के विस्तारीकरण के लिए कार्य हुए लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतरी। वर्ष 2016-17 में इस खेल मैदान का नाम शहीद जसवंत सिंह के नाम पर रखा गया। मैदान में 400 मीटर सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, 32 बेड का छात्रावास, बहुउद्देशीय हॉल, कैंटीन का निर्माण चल रहा है।

7. अल्मोड़ा: मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य होगा पूरा
अल्मोड़ा के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में 450 करोड़ रुपये से मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू किया गया था। लेकिन, अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। फिलहाल आईसीयू कक्ष और अन्य भवनों का निर्माण कार्य होना है। निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से यह चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित भी नहीं हो सका है। नए साल में इसका निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद इसका विधिवत रूप से संचालन होगा और यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेंगी। लोगों को अन्य जिलों का रुख नहीं करना होगा।

8. बागेश्वर: कूड़ा निस्तारण की समस्या खत्म होगी
वर्ष 2023 में बागेश्वर नगरपालिका के ट्रंचिंग ग्राउंड का निर्माण शुरू होगा जबकि कपकोट में ट्रंचिंग ग्राउंड का काम पूरा होने के बाद कूड़ा निस्तारण की सुविधा मिलने लगेगी। वर्ष 1968 में गठित नगरपालिका क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या रही है। अब बिलौना-पगना मोटर मार्ग पर जमीन का चयन कर 3.21 लाख रुपये की लागत से बनने वाले ट्रंचिंग ग्राउंड के लिए पालिका के पास 1.39 करोड़ का बजट उपलब्ध है। वहीं, वर्ष 2012 में गठित कपकोट के नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट ने बताया कि 72 लाख रुपये की लागत से बन रहे ट्रंचिंग ग्राउंड का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
9. चंपावत: फरवरी तक भर जाएगी पूर्णागिरि पहाड़ी की दरार
वर्ष 2023 का साल चंपावत जिले के सबसे बड़े आध्यात्मिक धाम मां पूर्णांगिरि के मुख्य मंदिर को सौगात देगा। मुख्य मंदिर की पहाड़ी की दरार इस साल फरवरी तक भर (रिस्टोरेशन) जाएगी। इससे मंदिर की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। शिवालिक क्षेत्र में स्लेटी बलुआ पत्थर वाली चट्टानों में स्थित मां पूर्णागिरि के मुख्य मंदिर की पहाड़ी में पिछले दो दशक से लगातार दरार आ रही थी। मुख्य मंदिर की सुरक्षा के लिए दो साल से दरार की मरम्मत का काम चल रहा है। विश्व बैंक की निर्माण शाखा का हल्द्वानी खंड 395.99 लाख रुपये से मंदिर की पहाड़ी की दरार की मरम्मत का काम करा रहा है। स्टोनफील्ड कंस्ट्रक्शन मंदिर के शिखर से करीब मीटर नीचे तक दरार भरने के अलावा मुख्य मंदिर के पास अन्य सुरक्षागत कार्य कर रहा है। 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। एसडीएम सुंदर सिंह का कहना है कि नौ मार्च से शुरू होने वाले मेले से पूर्व यह काम पूरा हो जाएगा।

10. ऊधमसिंह नगर: 500 करोड़ की लागत से 100 एकड़ में बनेगा एम्स सेटेलाइट सेंटर
रुद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले में पांच सौ करोड़ रुपये की लागत से 100 एकड़ में बनने वाले एम्स सेटेलाइट सेंटर की घोषणा की है। इसका निर्माण वर्ष 2023 में शुरू होगा। ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेटेलाइट सेंटर के रूप में यह स्वास्थ्य केंद्र कार्य करेगा। एम्स की टीम ने किच्छा में राजस्व विभाग से 100 एकड़ भूमि अधिग्रहण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं हैं। जिले में मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी चल रहा है। इससे ऊधमसिंह नगर जिला मेडिकल हब बन सकता है। नए साल में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत किच्छा में एम्स सेटेलाइट निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे। इसके अलावार शहर में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ट्रांसपोर्टनगर बनाने का कार्य शुरू किया जाना है। एएन झा इंटर कॉलेज की करीब छियालीस एकड़ जमीन पर ट्रांसपोर्टनगर बसाने की कवायद हो रही है। जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने करीब पचास करोड़ रुपये की डीपीआर भी इसके लिए तैयार कर ली है। डीडीए ने एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) से टीपीनगर के लिए फंडिंग कराने के लिए शहरी विकास विभाग को पत्र भेजा है।

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