शाह बोले- नई हरित क्रांति में अनाज को लेकर आत्मनिर्भर बनना लक्ष्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं। यहां कांडला में उन्होंने इफको नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने एक नई हरित क्रांति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को प्राकृतिक खेती और किसानों की समृद्धि का रास्ता दिखाने के लिए भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नई हरित क्रांति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह हरित क्रांति जैविक उत्पादों के लिए बाजार ढूंढ़कर दुनिया भर से धन भारत लाएगी।

शाह ने शनिवार को गुजरात के कांडला में इफको नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का शिलान्यास करने के अवसर पर कहा कि संयंत्र में प्रति दिन 500 मिलीलीटर तरल की 2 लाख बोतलें उत्पादित की जाएंगी, जिससे आयातित उर्वरकों पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी और उर्वरकों पर 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी बच जाएगी। इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, मेरा मानना है मोदीजी के नेतृत्व में देश को एक और हरित क्रांति की जरूरत है, भले ही यह एक अलग तरह की क्रांति हो, जहां उत्पादन ही एकमात्र लक्ष्य नहीं है। 70 एकड़ में फैला कांडला संयंत्र 350 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया जाएगा।

नई हरित क्रांति में हर प्रकार के अनाज में आत्मनिर्भर बनाना लक्ष्य

शाह ने कहा, नई हरित क्रांति का लक्ष्य तीन चीजें हैं – पहला, भारत को न केवल गेहूं और धान, बल्कि हर प्रकार के अनाज में आत्मनिर्भर बनाना, चाहे वह दालें हों या तिलहन; दूसरा, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करके प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना और मिट्टी को संरक्षित करना; और तीसरा, प्राकृतिक खेती की उपज के लिए बाजार ढूंढ़कर किसानों के लिए समृद्धि लाना। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इन तीन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके मंत्रालय ने इन्हें हासिल करने के लिए तीन बहु-राज्य सहकारी समितियों की स्थापना की है।

अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बना भारत
केंद्रीय मंत्री ने कहा, अतीत में भारत को गेहूं और चावल आयात करने की जरूरत पड़ती थी। हालांकि, बाद की सरकारों के प्रयासों और पिछले नौ वर्षों में पीएम मोदी के वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बन गया है।

यूरिया और डीएपी के क्षेत्र में बाहरी निर्भरता होगी खत्म
शाह ने कहा, सबसे बड़ी बात यह है कि इससे आयात कम होगा और भारत यूरिया और डीएपी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि इन उपायों से भारत जो उर्वरक सब्सिडी बचाएगा, वह किसानों को वापस मिल जाएगी और इससे किसानों और देश दोनों को फायदा होगा।

पृथ्वी को रासायनिक जहर से बचाएगी नैनो यूरिया
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) संयंत्र में उत्पादित तरल नैनो यूरिया पृथ्वी को रासायनिक जहर से बचाकर संरक्षित करने, उसकी उर्वरता बनाए रखने और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने की चुनौती का सामना करने में किसानों की मदद करेगा

15,000 कृषि ऋण समितियां सामान्य सेवा केंद्र में तब्दील
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को व्यवहार्य बनाने के लिए काम किया है और उनसे अपने उपनियमों को बदलने और अधिक लाभ के लिए मॉडल उपनियमों को स्वीकार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कम से कम 15,000 पैक्स सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) बन गए हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र के रूप में काम करते हैं।

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