उन्होंने कहा,’इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय ‘ब्रिक्स और अफ्रीका: पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद के लिए साझेदारी’ है। कोविड-19 महामारी के कारण लगातार तीन वर्षों की वर्चुअल बैठकों के बाद यह पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा।’ विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा,’15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत का एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी बिजनेस ट्रैक बैठकों और ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल, ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन और ब्रिक्स बिजनेस फोरम की बैठकों में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जा रहा है। जोहानिसबर्ग में अपने कार्यक्रमों को पूरा करने के बाद प्रधानमंत्री यूनान के प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर 25 अगस्त को आधिकारिक यात्रा के लिए ग्रीस जाएंगे।’
क्वात्रा ने कहा, ‘पीएम मोदी की ग्रीस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष सहयोग के व्यापार और निवेश खंड में विस्तार और विविधता लाने, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी, बुनियादी ढांचे के सहयोग, जहाज निर्माण उद्योग को गहरा और विस्तारित करने पर विचार करेंगे… यह यात्रा दोनों पक्षों को आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक और गहरा बनाने में मदद करेगी।’ 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘मेजबान देश दक्षिण अफ्रीका ने ब्रिक्स सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में अतिथि देशों को आमंत्रित किया है। दक्षिण अफ्रीका में मौजूद रहने वाले नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों के संदर्भ में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम अभी भी विकसित किया जा रहा है।’
ब्रिक्स मुद्रा के सवाल पर क्वात्रा ने कहा, ‘इससे पहले कि आप एक आम मुद्रा ढांचे के बारे में भी बात करे, आम मुद्रा को लेकर चर्चाओं में पहले कई अपेक्षाएं होती हैं। ब्रिक्स में चर्चा की रूपरेखा, ब्रिक्स में उस चर्चा ढांचे का सार राष्ट्रीय मुद्रा के भीतर व्यापार पर केंद्रित है। उन्होंने यह भी कहा, ‘जहां तक ब्रिक्स एफटीए का सवाल है, यह राजनीतिक होने के साथ-साथ बहुत तकनीकी भी है। विशेषज्ञ चर्चा करेंगे और फैसला करेंगे।’ उन्होंने आगे कहा, जहां तक ब्रिक्स के विस्तार का सवाल है, हम शुरू से ही स्पष्ट रहे हैं कि जब ब्रिक्स विस्तार की बात आती है तो हमारा इरादा सकारात्मक और खुला है। ये दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के शेरपाओं के बीच चल रही मौजूदा चर्चा का विषय हैं और मैं चर्चा के परिणाम का अनुमान नहीं लगाना चाहता।