G20 Summit: अलग-थलग पड़ा चीन भी हुआ नरम, प्रधानमंत्री की कूटनीतिक रणनीति हुई कामयाब

जी20 शिखर सम्मेलन में भारत ने अपनी अगुवाई में ग्लोबल साउथ की शानदार कूटनीतिक पारी खेली। ‘एक पृथ्वी’ को समर्पित सत्र में अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने को बड़ी सफलता माना जा रहा है। इसे प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण बताया जा रहा है। दिलचस्प है कि इस ग्लोबल साउथ की सोच में पंडित जवाहर लाल नेहरू के दौर के निर्गुट आंदोलन की भी झलक मिलती है।

आठ सितंबर को जी20 शेरपा अमिताभ कांत के आत्मविश्वास में 9 और 10 सितंबर के सम्मेलन की पूरी झलक दिखाई दे रही थी। 09 सितंबर की सुबह वही हुआ। भारत ने ग्लोबल साउथ को जी20 में शामिल करके वसुधैव कुटुम्बकम के पहले सोपान की तरफ कदम रख दिया है। भारत ने संदेश दिया है कि हमें ग्लोबल साउथ को वैश्विक अर्थव्यवस्था के मॉडल में महत्वपूर्ण मानना होगा। अब शाम को दुनिया ‘एक परिवार’ के सत्र में विश्व के शिखर नेता दूसरे सोपान की तरफ बढ़ेंगे।

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