केपी ओली ने कहा, योग जब शुरू हुआ तब भारत था ही नहीं

दुनिया में कम्युनिस्ट पार्टी का एक सिद्धांत है और वे उसी सिद्धांत पर चलते हैं, लेकिन सुविधा के अनुसार। जैसे कि मार्क्सवादी धर्म को हमेशा से राजनीति से अलग रखते हैं। लेकिन हालिया दिनों में देखकर तो यही प्रतीत हो रहा है कि मार्क्सवादी अब धर्म को आत्मसाध करने लगे हैं। ऐसा ही कुछ भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में होता दिख रहा है। वही नेपाल जिसके साथ भारत की सालों पुरानी साझा विरासत है। दोनों के बीच रोटी-बेटी का नाता है। असली अयोध्या के नेपाल नें होने का दावा करने वाले केपी शर्मा ओली ने अब योग को नेपाल की देन बता दिया है। वैसे ये कोई पहली बार नहीं है साल भर के भीतर केपी शर्मा ओली ऐसे कई बयान दे चुके हैं। कभी बॉर्डर पर नक्शेबाजी, कभी भगवान राम के जन्मस्थान को लेकर आधारहीन बयान। कभी कोरोना को लेकर हमारे देश के खिलाफ भड़काऊ बातें तो कभी सरहद पर गोलियां। बीते साल भर के दौरान ऐसी कई बातें हुई हैं जो नेपाल की बदली हुई फितरत का इशारा कर रही हैं। चीन की शह पर नेपाल लगातार उकसाने वाली हरकतें कर रहा है।

जब भारत समेत पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा था तो उस दिन नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली बयान देने में लगा थे। ओली ने कहा कि योग दुनिया को नेपाल की देन है। उन्होंने कहा कि नेपाल में ही योग की उत्तपत्ति हुई और उस वक्त भारत एक राष्ट्र के तौर पर अस्तित्व में भी नहीं आया था।जब योग प्रचलित हुआ, तब भारत का गठन नहीं हुआ था। उस दौर में भारत जैसा कोई देश नहीं था।’ ओली ने कहा, ‘हमने कभी अपने उन संतों को श्रेय नहीं दिया, जिन्होंने योग की खोज की थी। ओली ने कहा कि क्योंकि नेपाल में योग के प्रचलन में आने के समय कई सीमांत राज्य थे। पतंजलि ऋषि नेपाल में हुए। कपिल मुनि भी नेपाल में हुए। इसलिए योग की उत्तपत्ति नेपाल या उत्तराखंड के आसपास हुई।

ये कोई पहला मौका नहीं है जब नेपाली प्रधानमंत्री ने कोई विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी केपी शर्मा ओली के अयोध्या को किए दावे का खूब चर्चा में रहा था, जब उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि भगराम राम का जन्म नेपाल में हुआ था। प्रसिद्ध नेपाली कवि भानुभक्त के जन्मदिन पर हुए समारोह में केपी शर्मा ओली का कहना था, असली अयोध्या – जिसका प्रसिद्ध हिन्दू महाकाव्य रामायण में वर्णन है – वो नेपाल के बीरगंज के पास एक गांव है। वहीं भगवान राम का जन्म हुआ था. भगवान राम भारत के नहीं, बल्कि नेपाल के राजकुमार थे। नेपाल के पीएम ने दावा किया था कि बाल्मिकी आश्रम नेपाल में ही था। इसके साथ ही नेपाल के देवघाट इलाके में देवी सीता का निधन हुआ था। वह स्थान भी अयोध्यापुरी और वाल्मीकि आश्रम के निकट है।

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