भारत के लिए अच्छी खबर! कोवैक्सीन को जल्द मिल सकती है WHO की मंजूरी

भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर आ रही है। कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से कोवैक्सिस को लेकर सकारात्मक बातें कही गई हैं। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि फेज 3 के ट्रायल के अच्छे नतीजे रहने के बाद इसे मान्यता दी जा सकती है। स्वामीनाथन ने कहा कि कोवैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के नतीजे सही लग रहे हैं। यह इंटरनेशनल पब्लिक हेल्थ एजेंसी के सुरक्षा मानकों के पैमाने पर खरी उतरती दिखाई दे रही है। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि इसकी प्रभावकारिता काफी अच्छी दिख रही है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन की सुरक्षा प्रोफाइल को देखा जाए तो वह डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करता नजर आ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल उन टीकों पर कड़ी नजर रखी जा रही है जिन्हें इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देखे तो कोरोना के मामलों में कमी जरूर दिख रही है लेकिन मौत के आंकड़े भी ज्यादा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में कम से कम 60 से 70 फ़ीसदी आबादी का टीकाकरण करना फिलहाल में सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इससे पहले भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके कोवैक्सीन को जल्दी ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिल सकती है। कंपनी की एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी थी। भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने कहा कि आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूल) अब लंबी प्रक्रिया नहीं है क्योंकि वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा टीका निर्माता की अधिकतर इकाइयों का अंकेक्षण कर लिया गया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि हम कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ से मंजूरी की प्रक्रिया लंबी होने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि ईयूएल प्रक्रिया कोवैक्सीन को वैश्विक स्वीकृति पर अंतिम निर्णय से एक कदम दूर है।उन्होंने कहा कि 12 महीनों में 10 वैज्ञानिक प्रकाशनों के साथ, कोवैक्सीन उन कुछ टीकों में से एक है, जिनके विस्तृत आंकड़े विश्व स्तर पर प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कोविड-19 के लक्षण वाले मामलों के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है। कंपनी ने बताया कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों में कोवैक्सीन की क्षमता का अंतिम आकलन पूरा कर लिया है। प्रभावकारिता का आकलन दर्शाता है कि कोवैक्सीन गंभीर लक्षण संबंधी कोविड-19 मामलों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है जबकि सुरक्षा विश्लेषण दिखाते हैं कि सामने आईं प्रतिकूल घटनाएं बिलकुल वैसी ही थीं जैसी प्रयोगों में दी जाने वाली अहानिकारक दवाओं (प्लेसीबो) को देने पर देखने को मिलती हैं जहां 12 प्रतिशत प्रतिभागियों में आम दुष्प्रभाव देखने को मिले और 0.5 प्रतिशत से भी कम लोगों में गंभीर दुष्प्रभाव दिखे। शहर स्थित टीका निर्माता की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रभाव संबंधी आंकड़ों में सामने आया कि बिना लक्षण वाले कोविड-19 के खिलाफ यह 63.6 प्रतिशत सुरक्षा देता है। टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण भारत के 25 स्थानों पर किए गए जिनमें दूसरी खुराक लेने के कम से कम दो सप्ताह बाद सामने आए 130 लाक्षणिक कोविड-19 मामलों का स्थिति आधारित विश्लेषण किया गया।

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