विश्व ओज़ोन दिवस पर उत्तरांचल विश्वविद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

देहरादून : उत्तरांचल विश्वविद्यालय की विधि संकाय लाॅ काॅलेज देहरादून व गढ़वाल राइफल की 127 इन्फेन्टरी बटालियन के संयुक्त संयोजन में विश्व ओज़ोन दिवस के अवसर पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मिलिटरी अस्पताल (एमएच) देहरादून के कमान्डेन्ट ब्रिगेडियर मोहन सिंह बिष्ट इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। जबकि 127 इन्फेन्टरी बटालियन के कमान्डिंग अफसर कर्नल रोहित श्रीवास्तव व उत्तरांचल विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ.अभिषेक जोशी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। प्रतियोगिता के अन्तिम राउण्ड में 10 प्रतिभागियों ने भागीदारी की। प्रतियोगिता का विषय था -‘‘विकसित और विकासशील देशों के बीच विकास की होड़ ‘ओज़ोन परत’ के ह्नास के लिए जिम्मेदार है।’’ इस अवसर पर श्रीकुमार आशुतोष , डॉ.शिखा उनियाल गैरोला एवं सुश्री स्मृति उनियाल बतौर निर्णायक उपस्थित थे।

वाद-विवाद का शुभारम्भ बड़े ही रोचक ढंग से हुआ। धीरे-धीरे श्रोतागण तर्कों के प्रवाह में बहते चले गये। विषय के पक्ष में बोलते हुए प्रतिभागियों ने विकसित एवं विकासशील देशों के विकास संघर्ष को ओज़ोन परत के ह्नास के लिए जिम्मेदार ठहराया। हालांकि विषय के विरोध में बोलने वाले प्रतिभागियों ने सत्त विकास को सभ्यता की जरूरत बताते हुए , अभी हाल फिलहाल में ओज़ोन परत के फिर से भरने का हवाला दिया। साथ ही अपने विरोधियों के तर्क को साक्ष्य के आधार पर गलत ठहराने की कोशिश की।

कड़े मुकाबलें के बाद निर्णायक मण्डल द्वारा शताक्षी शर्मा को सर्वश्रेष्ठ वक्ता (हिन्दी) एवं पार्थ नारायण सिंह को द्धितीय सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया। वहीं स्पर्श त्रिपाठी सर्वश्रेष्ठ वक्ता (अग्रेंजी) एवं स्वपनिल श्रीवास्तव द्धितीय सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किये गए।

लाॅ काॅलेज देहरादून के डीन डॉ.राजेश बहुगुणा ने बताया- पर्यावरण सरंक्षण, जागरूकता व तत्सम्बन्ध शौध को लेकर लाॅ काॅलेज देहरादून व 127 इन्फेन्टरी बटालियन के बीच आपसी सहयोग से कार्य करने का प्रस्ताव है। विदित हो कि गढ़वाल राइफल की यह बटालियन उत्तराखण्ड व विशेषकर मसूरी के पहाड़ो को पुनः हराभरा करने के लिए चर्चा में रही है। उन्होनें कहा कि विधि के छात्रों का ज्ञान व सेना के जवानों की ऊर्जा का अनूठा समायोजन होगा। जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाएगा।

कमान्डिंग अफसर कर्नल रोहित श्रीवास्तव ने इस अवसर पर पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का एहसास कराते हुए पश्चिम बंगाल का एक वृतांत सुनाया -जिसमें एक वृद्ध समुद्र तट पर नक्षत्र मछली को बचाने के लिए उसे वापस पानी में फेंक रहा था। उन्होनें कहा कि जीवन में छोटी-छोटी चीजें भी बड़ा असर डालती हैं। उन्होनें छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने और इससे सम्बन्धित छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया।

ब्रिगेडियर मोहन सिंह बिष्ट ने प्रतियोगिता के विजेताओं को बधाई दी एवं छात्रों को ओज़ोन दिवस की शुभकामनाएं दी। अपने सम्बोधन में उन्होनें लोगों को पर्यावरण के प्रति अपनी सोंच व प्रवृतियों में बदलाव लाने का सुझाव दिया। छात्रों का आह्वान करते हुए उन्होनें कहा- नई पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने उत्तरदायित्व को गम्भीरता से ले। अंत में उन्होनें आयोजकों को रोचक वाद-विवाद प्रतियोगिता के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से कमान्डेन्ट ब्रिगेडियर मोहन सिंह बिष्ट, कमान्डिंग अफसर कर्नल रोहित श्रीवास्तव, डॉ.अभिषेक जोशी, डीन डॉ.राजेश बहुगुणा, डॉ.पूनम रावत, कुमार आशुतोष, अमित चैधरी, डॉ.शिखा उनियाल गैरोला, स्मृति उनियाल सहित बड़ी संख्या में शिक्षकगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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