यूपी: देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हुआ फिरोजाबाद
फिरोजाबाद: यूपी के मेट्रो शहरों में बढ़ते प्रदूषण की चर्चा तो दीवाली के बाद से ही चल रही है, लेकिन फिरोजाबाद जैसा शहर देश का सबसे प्रदूषित शहर बनने के बाद लोग हैरान रह गए हैं. कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़ और आगरा जैसे शहरों को पछाड़ कर ये तमगा फिरोजाबाद को कैसे मिल गया. फिरोजाबाद में मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 489 दर्ज किया गया था, जो देश में सबसे ज्यादा था. हैरान करने वाली बात तो ये है कि प्रदूषण विभाग के अफसरों को भी ये समझ में नहीं आ रहा है कि अचानक ऐसा क्या हो गया. ये हाल तब है जब चूड़ी उद्योग में जलने वाली भट्ठियां दीवाली की छुट्टियों के चलते ठण्डी पड़ी हुई हैं.
दूसरी चौकाने वाली बात ये भी है कि फिरोजाबाद जिले का ज्यादातर हिस्सा ताज ट्रैपेजियम ज़ोन (टीटीजेड) में आता है. इस कारण पहले से ही वहां प्रदूषण के स्तर को कम रखने के प्रयास चलते रहते हैं. मसलन 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों पर रोक है. इसके अलावा तीन टन वजन से कम छोटी कॉमर्शियल गाड़ियों पर भी फिरोजाबाद के काफी बड़े इलाके में रोक है. चूड़ी उद्योग की सभी भट्ठियां गैस संचालित हैं. फिर प्रदूषण का ये स्तर कैसे बढ़ा हुआ आया है. इस बारे में फिरोजाबाद में तैनात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में रीजनल ऑफीसर मनोज कुमार ने बताया कि उन्हें खुद भी इसका अंदाजा नहीं हो पा रहा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स का डेटा इतना बढ़ा हुआ कैसे आ रहा है. फिरोजाबाद में तो दीवाली की छुट्टी में कामगारों के चले जाने से भट्ठियां भी बन्द हैं. बहुत संभव है कि एनसीआर में प्रदूषण का जो स्तर देखने को मिल रहा है उसी का असर फिरोजाबाद पर भी पड़ा हो.
इससे निपटने के लिए जिले में कई उपाय किये जा रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम और नगर पालिकाओं को सड़क पर पानी के छिड़काव के निर्देश दिये हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्च विभाग को भी कहा गया है कि गाड़ियों की सघन चेकिंग की जाये. 15 साल से ज्यादा पुरानी कोई गाड़ी सड़क पर दौड़ती मिले तो उसका चालान किया जाये. इसके अलावा खुदाई के कामों पर भी नियंत्रण किया जाये.
पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने आगरा और फिरोजाबाद में प्रदूषण के बढ़े स्तर का एक अलग ही कारण बयां किया. उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद में गांव-गांव में शीशे के छोटे-छोटे उद्योग खुल गये हैं. इन तक ग्रीन गैस की सप्लाइ नहीं पहुंच पायी है. ऐसे में भट्ठियों को चलाने के लिए बड़े पैमाने पर इन उद्योगों में जूते की कतरन धड़ल्ले से जलाई जा रही हैं. आगरा में जूते का बड़ा कारोबार है. सेंथेटिक मटीरियल से बने इन कतरनों से बहुत प्रदूषण होता है.